दो धाराओं का मधुर मिलन
कोटकपुरा।
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी ‘स्वामी’ से मिलने के लिए ज्ञानगच्छ के प्रकाश मुनि जी के शिष्य विजय मुनि जी ठाणा-दो का तेरापंथ भवन में अकस्मात आना हुआ। उन्होंने कहा कि हम 2014 में आचार्यश्री महाश्रमण जी की अहिंसा यात्रा के साथ रामा कालावाली के रास्ते में मिले थे, तब से आपके दर्शनों की भावना थी। आज जेतों से चले तब आपके विषय में जानकारी मिली हम दो दिन जैतों भवन में ही रुके थे, अब फरीदकोट जा रहे हैं। लगभग आधा घंटा विविध विषयों पर वार्ता हुई।
दोनों संत मंगलपाठ का श्रवण कर प्रस्थान कर गए। मुनि कमल कुमार जी ‘स्वामी’ संतों के प्रस्थान के समय मुख्य द्वार तक पधारे। इस प्रकार के मधुर मिलन से संघ प्रभावना होती है। विजय मुनि जी भी नोखा मंडी के हैं और मुनि कमल कुमार जी ‘स्वामी’ भी गंगाशहर के हैं। दोनों में ही थली प्रांत के होने से काफी आत्मीय भाव देखने को मिला।