केवल मानव जीवन में ही कर सकते हैं आत्मा से परमात्मा बनने की साधना: आचार्यश्री महाश्रमण
सोनाई मांजी, 14 दिसंबर, 2022
शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण जी आज प्रातः लगभग 10 किलोमीटर का विहार कर सोनाई मांजी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पधारे। पूज्यप्रवर ने पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए फरमाया कि हमें मनुष्य जीवन प्राप्त है। 84 लाख जीव योनियों में यह एक दुर्लभ जन्म होता है और हमें वह वर्तमान में प्राप्त है। इस मानव जीवन में साधना करके जीव आत्मा से परमात्मा बन सकता है और मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। इस मानव जीवन को पाकर अगर पापों में लगा दिया जाए तो आदमी इस मानव जीवन के बाद नरक में ही जा सकता है। आदमी ध्यान दे कि मेरा यह जीवन भी अच्छा रहे और मैं आगे भी अच्छा रह सकूँ।
जीवन जीने के तरीके में अहिंसा, संयम और तप हो तो जीवन की शैली और जीवन बढ़िया हो सकता है। बुद्धिमान का जीवन काव्यशास्त्र के विनोद में बीतता है। जो मूर्ख है, उनका जीवन व्यसनों में, नींद में या लड़ाई-झगड़ों में बीतता है। जीवन अच्छे धर्म कार्यों में, सत्-कार्यों में लगे ऐसा हमारा प्रयास हो। इस बहुमूल्य जीवन को खोने वाले को पश्चात्ताप करना पड़ सकता है, यह एक प्रसंग से समझाया कि जो सोता है, वो खोता है, जो जागता है, वह प्राप्त करता है। मौके का लाभ उठाना चाहिए।
आदमी सबके साथ सद्भाव, मैत्री भाव रखे एवं धार्मिक काम करे, ताकि हमारी चेतना बढ़ सके। विद्यालय में किताबी ज्ञान के साथ अच्छे संस्कार भरने का प्रयास रहे। भारत के पास ग्रंथ, संप्रदाय व संत संपदा है, तो पंथ भी है। शिक्षक ज्ञानदाता होते हैं, साथ में धर्म के अच्छे संस्कार भी दें। बच्चे अच्छे होंगे तो देश भी अच्छा बनेगा। राजनीति भी सेवा का एक माध्यम है। भारत की आत्मा गाँवों में रहती है। आदमी का तन-मन अच्छा रहे। सादा जीवन उच्च विचार, मानव जीवन का शंृगार। आदमी के आचार, विचार और संस्कार शुद्ध रहें। हमारे जीवन में आध्यात्मिक संपदाएँ हों, जिनसे हमारा कल्याण हो सके।
पूज्यप्रवर ने विद्यार्थियों एवं ग्रामवासियों को सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति को समझाकर संकल्प स्वीकार करवाए। पूज्यप्रवर के स्वागत में विद्यालय के प्रिंसिपल शिवराम पाली के पूर्व सांसद, पुष्प जैन, सुमेरपुर के पूर्व विधायक सुमेरपुर मदन राठौड़ ने अपनी भावना अभिव्यक्त की। व्यवस्था समिति द्वारा विद्यालय के प्रिंसिपल का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।