भिक्षु त्याग चेतना केंद्र: आचार्यश्री महाश्रमण

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भिक्षु त्याग चेतना केंद्र: आचार्यश्री महाश्रमण

(आचार्य भिक्षु दीक्षा/संयम स्थल, बगड़ीनगर, पाली)

बगड़ी।
तेरापंथ धर्मसंघ के प्रथमाचार्य आचार्य भिक्षु ने लीलड़ी नदी के किनारे स्थित लगभग 500 साल पुराने वटवृक्ष के नीचे 271 वर्ष पूर्व दीक्षा ग्रहण कर अपने संयम जीवन का शुभारंभ किया। इस संस्थान को तेरापंथ धर्मसंघ के महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में चिर-स्मरणीय बनाने एवं स्थायी पहचान दिलाने के उद्देश्य से बगड़ी निवासी, भिलाई (छ0ग0) प्रवासी दानमल पोरवाल ने पोरवाल चेरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से एक लघु स्मारक दिनांक 31 मार्च, 2012 को आचार्यश्री महाश्रमण जी की पावन सन्निधि में समाज को सौंपा था। अब पुनः आचार्यप्रवर के शुभागमन पर दिनांक 4 दिसंबर, 2022 को उस स्मारक का जीर्णोद्धार करवाकर वहाँ एक पिरामिड का निर्माण करवाया गया। जिसका लोकार्पण युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी की पावन सन्निधि में हुआ।
इस अवसर पर आचार्यप्रवर ने इस संस्थान का नामकरण ‘भिक्षु त्याग चेतना केंद्र’ के रूप में करते हुए ‘¬ भिक्षु ¬ भिक्षु ¬ भिक्षु ¬: जय भिक्षु जय भिक्षु जय भिक्षु जय’ मंत्र का उच्चारण किया। आचार्यश्री के दर्शनार्थ देशभर से समाज के अनेक गणमान्य महानुभावों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर आचार्यप्रवर एवं उपस्थित समस्त चारित्रात्माओं के प्रति भावभरी कृतज्ञता प्रकट करते हुए पोरवाल चेरिटेबल ट्रस्ट के मुख्य न्यासी दानमल पोरवाल ने आह्वान कर समस्त तेरापंथ समाज से निवेदन किया है कि वे जब भी तेरापंथ की त्रिवेणी सिरियारी, कंटालिया और बगड़ी पधारें तब भिक्षु त्याग चेतना केंद्र पर पहुँचकर पिरामिड में ध्यान एवं जप का आध्यात्मिक लाभ अवश्य लें।