दो आध्यात्मिक धाराओं का मिलन
पुलल, चेन्नई।
साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी जैन तेरापंथ नगर, माधावरम् से विहार करके केसरवाड़ी जैन तीर्थ पधारे। केसरवाड़ी में विराजित स्थानकवासी आचार्य शिवमुनि जी के शिुष्य मुनि डॉ0 वरुण जी म0सा0 से आध्यात्मिक मिलन हुआ। साध्वीवृंद और मुनिवृंद ने आपस में अभिवादन किया। इस अवसर पर मुनिवृंद के सान्निध्य में चल रहे आत्म-साधना शिविर के साधकों को भी संबोधित किया। डॉ0 वरुण मुनिश्री म0सा0 ने कहा कि ध्यान पद्धति के पुनरुद्धार में आचार्य महाप्रज्ञ जी का बहुत बड़ा योगदान है। मैंने जब जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय से अध्ययन किया था, तब साध्वीश्री जी उस समय समणी अवस्था में कुलपति थी।