साध्वीवृंद का आध्यात्मिक मिलन समारोह का आयोजन
चलथान।
शासनश्री साध्वी जिनप्रभा जी, साध्वी सुषमाकुमारी जी, शासनश्री साध्वी विमलप्रज्ञा जी एवं साध्वी लब्धिश्री जी इन चार ग्रुप के 18 साध्वियों का चलथान में आध्यात्मिक संत मिलन हुआ। शासनश्री साध्वी जिनप्रभा जी ने इस अवसर पर कहा कि हम लाडनूं (राजस्थान) से पूज्य गुरुदेव का आशीर्वाद लेकर मंगल पाठ सुनकर रवाना हुए तब से अब तक प्रतिदिन लगभग 25 किलोमीटर की पदयात्रा होती रही है। हम निर्धारित समय सीमा के अंदर चलथान तक पहुँच गए हैं और निर्धारित समय सीमा के अंदर मुंबई पहुँचने का हमारा लक्ष्य है। जग गुरु कृपा प्राप्त होती है गुरुदृष्टि मिलती है तो असंभव भी संभव बन जाता है। अनन्य कृपा दृष्टि के लिए हम पूज्य गुरुदेव के प्रति अनंत-अनंत कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं।
साध्वी लब्धिश्री जी ने कहा कि शासनश्री साध्वी जिनप्रभा जी वर्षों से पूज्य गुरुदेव की निश्रा में सेवारत हैं। आप अत्यंत विदूषी एवं तत्त्वज्ञ साध्वीश्री हैं। कुशल लेखिका हैं। साध्वी सुषमा कुमारी जी भी राज के साध्वी हैं। शासनमाता साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा जी की आपने बहुत ही समर्पित व आत्मीय भाव से सेवा की है। शासनश्री साध्वी विमलप्रज्ञा जी भी गुरुदृष्टि की सतत आराधना करते हुए गुरु चरणों में सेवारत हैं। मैं आप सभी का स्वागत करते हुए अत्यंत आनंद की अनुभूति करती हूँ। साध्वी सुषमाश्री जी, साध्वी लब्धिश्री जी एवं अन्य सहवर्ती साध्वीश्री जी द्वारा मंगल गीत प्रस्तुत किए।
तेरापंथ सभा, चलथान के पूर्व मंत्री सुरेश पितलिया ने स्वागत वक्तव्य में सभी साध्वीगण का स्वागत किया। पूर्व अध्यक्ष तेजमल नौलखा, अभातेममं के ट्रस्टी कनक बरमेचा, अणुव्रत विश्व भारती के गुजरात प्रभारी अर्जुन मेड़तवाल, उधना भजन मंडली, चलथान महिला मंज्ञल की बहनों एवं महिमा चोरड़िया आदि ने भावों की अभिव्यक्ति दी। इस अवसर पर तेरापंथी महासभा के राष्ट्रीय सहमंत्री अनिल चंडालिया, संगठन मंत्री प्रकाश डाकलिया, उपसभा प्रभारी लक्ष्मीलाल बाफना, फूलचंद छत्रावत एवं परिपार्श्ववर्ती क्षेत्रों के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन तेयुप पूर्व अध्यक्ष ज्ञानचंद दुगड़ ने किया।