प्रेक्षावाहिनी कार्यशाला का आयोजन
आमेट।
साध्वी विशदप्रभा जी के सान्निध्य में प्रेक्षावाहिनी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ प्रेक्षावाहिनी महिलाओं के सुमधुर प्रेक्षा गीत से शुभारंभ किया गया। साध्वीश्री ने कहा कि जो अपने मन को शांत व इंद्रियों पर विजय कर लेता है वही साधना का अधिकारी बनता है। साध्वी प्रशमयशा जी ने कहा कि ध्यान साधु का प्राण तत्त्व है। ध्यान से एकाग्र शक्ति बढ़ती है। प्रेक्षावाहिनी संयोजिका रेणु छाजेड़ ने कहा कि ध्यान हमारी वृत्ति को परिमार्जित कर आत्मा का ऊर्जारोहण करता है। जैन दर्शन में ध्यान का बहुत बड़ा महत्त्व है। साधना में ध्यान की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। कार्यशाला में सभा मंत्री ज्ञानेश्वर मेहता, अरविंद भरसारिया, महेंद्र बोहरा, प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षक मिश्रीलाल चौधरी, देवेंद्र बाफना सहित अनेक पदाधिकारीगण एवं सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन रेणु छाजेड़ ने किया।