द पॉवर ऑफ पॉजिटिविटी कार्यशाला का आयोजन
भीलवाड़ा।
अभातेममं के निर्देशन में तेममं, भीलवाड़ा द्वारा मुनि पारस कुमार जी के सान्निध्य में जयाचार्य भवन आर0सी0 व्यास कॉलोनी, भीलवाड़ा में ‘द पॉवर ऑफ पॉजिटिविटी’ शिल्पशाला समायोजित की गई। मुनि पारस कुमार जी ने कार्यशाला में कहा कि व्यक्ति को साधना प्रदर्शन के लिए नहीं आत्मदर्शन के लिए करनी चाहिए। नकारात्मक भावों से दूर रहते हुए अपनी आत्मसाधना की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। नकारात्मक सोच अहंकार को बढ़ावा देती है, वहीं सकारात्मक सोच से आत्मविश्वास बढ़ता है। अपने भीतर छिपे ज्ञान के खजाने को अच्छी सोच से उजागर करते हुए शांत सुखमय जीवन जीया जा सकता है। मुनि शांतिप्रिय जी ने कहा कि अगर व्यक्ति भगवान महावीर के मूल्यवान सिद्धांतों को आत्मसात करते हुए जीवन व्यवहार में लाए तो वह सदैव सकारात्मक सोच के साथ अपनी आत्म उन्नति करते हुए शांत सुंदर सुखमय जीवन यापन कर सकता है।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता अनिल चौधरी ने कहा कि सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति जगाते हुए अच्छा लगता है, ताकि वह स्वयं और समाज विकास में उपयोगी बने। कभी भी जीवन में बुरी परिस्थिति आए तो घबराना नहीं चाहिए, अपितु ये सोचे कि जब अच्छा वक्त गुजर गया तो बुरा वक्त भी गुजर जाएगा। महिला मंडल अध्यक्षा मीना बाबेल ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि पॉजिटिव सोच से हम अपने जीवन में बदलाव लाते हैं और तनाव भय आदि से मुक्त होकर अपने लक्ष्य के प्रति सजग बनते हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ नवकार महामंत्र उच्चारण एवं महिला मंडल की बहनों के प्रेरणा गीत से हुआ। मीडिया प्रभारी नीलम लोढ़ा ने बताया कि कार्यक्रम का संचालन कोषाध्यक्ष सुमन दुगड़ ने किया। आभार मंत्री रेणु चोरड़िया ने किया। कार्यक्रम में बहनों की अच्छी उपस्थिति रही।