सभी आध्यात्मिक धन संपन्न बनें
चेन्नई।
साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी तीर्थस्थली बहत्तर जिनालय के विशाल प्रांगण पहुँची। चेन्न्ई तेरापंथी सभा द्वारा चेन्नई स्तरीय मंगलभावना समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि हमें जीवन की यात्रा को जागरूकता से पूरा करना है। जीवन को आध्यात्मिक संपन्नत बनाना है। जीवन में सहिष्णुता का वैभव आवश्यक है। सहिष्णुता विकास-पथ के लिए महत्त्वपूर्ण सूत्र है। साध्वीश्री जी ने कहा कि हमारे जीवन की यात्रा बहुत छोटी है। सभी भगवान महावीर के आदर्श वाक्य को याद रखें। सहनशीलता और मधुरभाषिता के साथ आलस्य का त्याग आवश्यक है। धीरज आदि जीवन में न हो तो मनचाहा स्वप्न नहीं फलता। साध्वीश्री जी ने कहा कि व्यक्ति एक सीमा के पश्चात अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाए, यह अपेक्षित है। जीवन में अध्यात्म साधना से मिलने वाले एकांत आनंद का विस्मरण न करें। हमारी जीवन यात्रा कैसी है इसका अंतर्बोध करते रहें।
तेरापंथ का हर श्रावक-श्राविकाएँ दायित्वशील है। माता-पिता की प्राप्त उपमा को चरितार्थ कर रहे हैं। साधु-संतों के प्रवास का अधिकाधिक लाभ उठाते रहें। आप सभी की जीवन यात्रा मंगलमय हो। हमारी यात्रा मंगलमय हो। हम सभी संघ के संवर्धन में अपना योगदान देते रहें। गुरु निर्देश का अक्षरसः पालन करें। साध्वी डॉ0 राजुलप्रभा जी ने कहा कि आज चेन्नईवासी शुभकामना करने यहाँ आए हैं। हमारा चेन्नई प्रवास आनंदकारी रहा। उन्होंने चेन्नई शब्द को व्याख्यायित करते हुए कहा कि चेन्नई विकासकारी, सृजनकारी क्षेत्र है। साध्वीश्री जी का विजन मिशन फलदायी रहा। हम सभी साध्वियाँ चेन्नईवासियों के आध्यात्मिक विकास की मंगलकामना करते हैं। साध्वीवृंद ने गीत का समूह संगान किया। तेरापंथ सभाध्यक्ष उगमराज सांड ने भावपूर्ण विचार व्यक्त करते हुए चातुर्मास को कार्यकारी बताया। साहूकारपेट ट्रस्ट बोर्ड अध्यक्ष विमल चिप्पड़ ने कहा कि साध्वीश्री जी का यह चातुर्मास यादगार और उपलब्धियों भरा रहा। महिला मंडल ने गीत का संगान किया। तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड के मंत्री राजेंद्र भंडारी ने अपने संयोजकीय वक्तव्य में आगामी निरामय सुखद यात्रा की मंगलकामना की।