
अनुशासन जीवन विकास का पहला द्वार
कोप्पल।
मुनि अर्हत कुमार जी ने श्री शारदा इंटरनेशनल स्कूल, कोप्पल में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन अच्छा बनाने के लिए सबसे पहले अपने आपको अनुशासित और मर्यादित बनाएँ। आग्रह वृत्ति से दूर रहें, पढ़ाई को ही अपना एकमात्र लक्ष्य बनाएँ। एकाग्रचित्त होकर विद्या का अर्जन करें। रोज सुबह उठकर अपने से बड़ों को आशीर्वाद लेना चाहिए, बच्चों को कभी गुस्सा नहीं करना चाहिए। इससे हमारी बुद्धि की शक्ति का ह्रास होता है। हमेशा अच्छे संस्कारों का अर्जन करें, अपनी प्रतिभा का विकास करें। नशामुक्त जीवन जिएँ अच्छी सोहबत में रहें, यह आपका जीवन महका देगी। मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि बच्चों को विवेक चेतना जागृत करनी चाहिए, जिससे हमारे भाग्य जग जाएँगे। बच्चों का जीवन उन्नत हो सकेगा। बाल संत जयदीप कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त किए। मुनिश्री ने सभी बच्चों को नशामुक्ति के संकल्प करवाए।