मुनि शांति कुमार जी - हृदयांकित कर्तृत्व

मुनि शांति कुमार जी - हृदयांकित कर्तृत्व

आचार्यवर की पावन अनुकंपा से गत पावस 2022 मुनि जितेंद्र कुमार जी के अग्रगण्य में गंगाशहर में करने का अवसर प्राप्त हुआ। चातुर्मास काल में मुनि शांति कुमार जी का संयोग एक दुर्लभ सुयोग बनकर प्रस्तुत हुआ। रत्नाधिक मुनिश्री का वात्सल्य भाव, शांत स्वभाव, मृदु वाणी एवं सदा इतिहास की घटनाओं से प्रेरणा देना जीवन की एक अमूल्य निधि बनी। पूर्व में कभी मुनिश्री का इतना सान्निकट्य प्राप्त नहीं हुआ था, किंतु यह पावस के चार माह में मुनिश्री का अपनत्व भाव इस प्रकार प्राप्त हुआ मानो मुनिश्री सदा से ही परिचित रहे हो। पिछले कई वर्षों से मुनि शांति कुमार जी का प्रवास बीकानेर क्षेत्र में ही रहा। गुरुदेव श्री तुलसी के करकमलों से दीक्षित मुनिश्री ने अपना अंतिम प्रयाण भी अपने गुरु की अंतिम स्थली से ही किया। इसी वर्ष आचार्यप्रवर के मंगल दर्शन का भी मुनिश्री को सौभाग्य प्राप्त हुआ। मुनिश्री की आत्मा जहाँ कहीं भी हो उत्तरोत्तर मोक्षश्री की ओर प्रवर्धमान होती रहे। कोटि-कोटि श्रद्धांजलि।

शांत चित्तता शांतिमुनि की, मुखमुद्रा मन भाती।
मृदु वाणी कानों में गूँजें, स्मृतियाँ रह रह आती।।

वत्सलता बरसाते हर पल, बन माईत सहलाते।
छवि सुदर्शन दर्शन करता, भावुक वह कर जाते।।

गंगाणे का पावन पावस, योग अनुपम पाया।
गुरु आशीष मिला यह अवसर, संरक्षण शुभ छाया।।

स्वल्प काल सान्निध्य मिला पर, था वह सुखद सुहाना।
हृदयांकित कर्तृत्व मुनि का, विरह युक्त यह जाना।।