‘कैसे जिएँ टेंशन फ्री लाइफ’ कार्यशाला का आयोजन
राजमुंद्री।
बोथरा भवन में मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में ‘कैसे जिएँ टेंशन फ्री लाइफ’ कार्यशाला का आयोजन तेरापंथी सभा, राजमुंद्री द्वारा किया गया। कार्यशाला में उपस्थिति अच्छी रही। मुनि दीप कुमार जी ने कहा कि दुनिया में शायद ही ऐसा इंसान हो जिसने टेंशन का स्वाद न चखा हो। चाहे विद्यार्थी हो, व्यापारी या और कोई सभी तनाव से ग्रसित हैं। टेंशन व्यक्ति के जीवन का घुन है, मानसिक शांति को मिटा देता है। यदि व्यक्ति का संकल्प हो, चाहे कुछ भी हो सहज भाव से हर हाल में मस्त रहूँगा तो तनाव से दूर रहने में सफल हो सकते हैं।
मुनिश्री ने आगे कहा कि टेंशन फ्री लाइफ के लिए संतुलित जीवन शैली होनी चाहिए। प्रवृत्ति और निवृत्ति का संतुलन हो। जीवन चर्या व्यवस्थित हो। वर्तमान में जिएँ भविष्य की मायावी कल्पना से उड़ान न भरें। वर्तमान को अच्छा बनाएँ। प्रतिक्रिया मुक्त रहें। क्रिया की प्रतिक्रिया ना करें। प्रसन्न रहना सीखें। प्रसन्नता टेंशन फ्री लाइफ का बड़ा सूत्र है। हर परिस्थिति में प्रसन्न रहें, प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करें। बाल मुनि काव्य कुमार जी ने कहा कि तनाव आज के अतिव्यस्त जीवन से जन्मी एक भयंकर बीमारी है। हर व्यक्ति असंतुष्ट, अतृप्त और अधीर दिखाई दे रहा है। व्यक्ति के हर कदम पर तनाव पैदा करने वाली परिस्थितियाँ बिखरी हुई हैं। चारों तरफ तनाव ही तनाव है। तनाव के कारण व्यक्ति प्रभावित होता है, मन एवं भाव प्रभावित होते हैं। कायोत्सर्ग तनाव मुक्ति का अमोघ उपाय है। बाल मुनि ने बच्चे, युवा, वृद्ध कैसे तनाव में जाते हैं, उदाहरणों से समझाया।