साधु की संगति से होता है पाप कर्मों का नाश
राजाराजेश्वरी नगर
शासनश्री साध्वी कंचनप्रभा जी, शासनश्री साध्वी मंजूरेखा जी एवं सहवर्तिनी साध्वीवृंद का चातुर्मास प्रवास हेतु तेरापंथ भवन में मंगल प्रवेश हुआ। तेरापंथ सभा/ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज डागा के मार्गदर्शन में श्रावक समाज ने साध्वीवृंद की अगवानी की। लहराते जैन ध्वज के साथ अहिंसा रैली तथा गगनभेदी जयकारों से साध्वीवृंद का तेरापंथ भवन में प्रवेश हुआ। सर्वप्रथम शासनश्री साध्वी कंचनप्रभा जी ने नमस्कार महामंत्र द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत की। कन्या मंडल की बहनों ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। सभाध्यक्ष मनोज डागा ने श्रावक समाज का स्वागत किया एवं साध्वीश्री जी का चातुर्मास ऐतिहासिक हो ऐसी मंगलकामना की। तेरापंथ सभा एवं तेयुप के साथियों ने सामुहिक स्वागत गीतिका की प्रस्तुति दी।
साध्वी कंचनप्रभा जी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ एक प्राणवान धर्मसंघ है। एक गुरु की आज्ञा, अनुशासन और मर्यादा के द्वारा इस संघ की दुनिया में अलग ही पहचान है।
शासनश्री साध्वी मंजुरेखा जी ने कहा कि साधु जंगम तीर्थ होते हैं। साधु की संगति से पाप कर्मों का नाश होता है।
साध्वी उदितप्रभा जी, साध्वी निर्भयप्रभा जी एवं साध्वी चेलनाश्री जी द्वारा गीतिका के माध्यम से चातुर्मास काल में ज्यादा से ज्यादा त्याग, तपस्या व धर्माराधना करने की प्रेरणा दी गई।
तेयुप अध्यक्ष नरेश बांठिया, महिला मंडल अध्यक्षा सरोज बैद, विजयनगर सभा अध्यक्ष राजेश चावत, राजाजीनगर सभा अध्यक्ष शांतिलाल पितलिया सहित सभा-संस्थाओं के अनेक पदाधिकारियों ने सामुहिक स्वागत गीतिका की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन मंत्री विक्रम महेर ने किया। आभार ज्ञापन सभा के सहमंत्री राजेश भंसाली ने किया।