जहाँ गुरु की द‍ृष्टि वहाँ सुख की सृष्टि

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जहाँ गुरु की द‍ृष्टि वहाँ सुख की सृष्टि

गांधीनगर
साध्वी लावण्यश्री जी का गांधीनगर, तेरापंथ भवन में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ। इस अवसर पर साध्वीश्री लावण्यश्री जी ने कहामेरी जन्म भूमि, कर्म भूमि, दीक्षा भूमि में पाँच दशक बाद आना हुआ। जहाँ गुरु की द‍ृष्टि वहाँ सुख की सृष्टि होती है।
इस अवसर पर साध्वी सिद्धांतश्री जी एवं साध्वी दर्शितप्रभा जी ने आगामी कार्यक्रमों एवं चातुर्मास में करणीय कार्यों की सूची एक गीत के माध्यम से दी।
समणी निर्देशिका भावितप्रज्ञा जी ने साध्वी लावण्यश्री जी की सहजता, सरलता एवं सेवाभावना की विशेष प्रशंसा की।
स्वागत तेरापंथ सभा, बैंगलोर के अध्यक्ष सुरेश दक, ट्रस्ट अध्यक्ष गौतम मूथा, महिला मंडल अध्यक्षा स्वर्णमाला पोखरना, तेयुप अध्यक्ष विनोद मूथा, टीपीएफ महामंत्री हिम्मत मांडोत, अभातेयुप निवर्तमान अध्यक्ष विमल कटारिया, अणुव्रत समिति उपाध्यक्ष देवराज रायसोनी आदि अनेक पदाधिकारीगणों ने मंगलकामना अभिव्यक्‍त की। मंगलाचरण ज्ञानशाला ने किया। तेयुप बैंगलोर भजन मंडली प्रज्ञा संगीत सुधा, महिला मंडल यशवंतपुर, पे्रक्षा संगीत सुधा ने गीतिका का संगान किया।
आभार सभा सहमंत्री राजेंद्र बैद ने व कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री नवनीत मूथा ने किया। व्यवस्था में माणक मूथा, संपत चावत, रूपचंद देसरला का महत्त्वपूर्ण सहयोग रहा।