आचार्य भिक्षु का जीवन पवित्र पुस्तक के समान

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आचार्य भिक्षु का जीवन पवित्र पुस्तक के समान

डी0वी0 कॉलोनी, सिकंदराबाद
कार्यक्रम की शुरुआत दिलीप डागा के मंगल स्वर से हुआ। शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु का समस्त जीवन उस पवित्र पुस्तक के समान था जिसके प्रत्येक पृष्ठ की प्रत्येक पंक्‍ति प्रेरणादायक होती है। साध्वी मधुरयशा जी, साध्वी मार्दवयशा जी, नवनीत छाजेड़, तेयुप के अध्यक्ष
प्रवीण श्यामसुखा व टीपीएफ के अध्यक्ष मोहित ने अपने विचार व्यक्‍त किए। महिला मंडल ने गीतिका की प्रस्तुति दी।
बाबूलाल बैद, संगीता गोलेच्छा, महिला मंडल अध्यक्ष अनिता गीड़िया। महिला मंडल ने सेवा, समर्पण, कला, अनुशासन पर शब्दचित्र प्रस्तुत किया। साध्वी धवलप्रभा जी, साध्वी श्‍वेतप्रभा जी ने अपने विचार व्यक्‍त किए। ॠषभ दुगड़ ने नौ दिन की तपस्या की अनुमोदना में परिवार की बहनों ने गीत की प्रस्तुति दी। राजकुमार ने तप के महत्त्व को बताया। साध्वीवृंद ने सामुहिक गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मीपत ने किया।