परिवार को अहिंसा की प्रयोगशाला बनाएँ

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परिवार को अहिंसा की प्रयोगशाला बनाएँ

राजमुंद्री।
बोथरा भवन में मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में ‘अहिंसा टे हिंसा’ कार्यशाला का अभातेममं द्वारा निर्देशित स्थानीय तेममं द्वारा आयोजन किया गया। मुनि दीप कुमार जी ने कहा कि अहिंसा सुखी और सफल जीवन का प्राण तत्त्व है। आध्यात्मिक विकास के लिए अहिंसा का महत्त्व सर्वविदित है। उसके बिना स्वस्थ समाज का निर्माण संभव नहीं। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में अहिंसा की व्यापक प्रतिष्ठा होना आज के संदर्भ में अत्यंत आवश्यक है। किसी प्राणी को शारीरिक कष्ट पहुँचाना हिंसा का स्थूल रूप है। इसे हर व्यक्ति सरलता से समझता है। किंतु मानसिक हिंसा अत्यंत सूक्ष्म है। जो शारीरिक हिंसा से भी अधिक जटिल और भयानक है। दोनों प्रकार की हिंसा के निवारण हेतु संयम प्रधान जीवनशैली का विकास आवश्यक है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार को अहिंसा की प्रयोगशाला बनाना चाहिए। सारा विश्व एक परिवार है। सबका अस्तित्व परस्पर संबद्ध है। परिवार में अहिंसा के विकास के लिए मैत्री का प्रयोग, सत्यं-सुंदरं, विधायक भाव के सूत्रों की चर्चा की। कार्यक्रम में महिलाओं की अच्छी उपस्थिति रही। तेममं अध्यक्षा सुमन सुराणा ने मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।