विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे आचार्य भिक्षु
साहूकारपेट, चेन्नई
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में तेरापंथ स्थापना दिवस का कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। वे प्रखर तपोबली, अटल मनोबली, अतुल योगबली, अथाह आगम ज्ञानबली एवं प्रतिभा ज्ञानबली थे। उन्होंने अपनी विलक्षण मेधा से तेरापंथ की संख्या के आधार पर नहीं अपितु विलक्षण व्याख्या करते हुए कहा कि हे प्रभो! यह तेरापंथ। यह तुम्हारा पंथ है, हम तो मात्र इस पथ पर चलने वाले राही हैं। प्रभु के मार्ग पर चलने का संकल्प लेकर अरावली की घाटियों पर आरोहण किया।
साध्वीश्री जी ने कहा आचार्य भिक्षु का मतिबल, धृतिबल, संकल्पबल गजब का था। उनके धृतिबल ने तेरापंथ को नई पहचान दी। हमने आचार्य भिक्षु को अपने आराध्य के रूप में स्वीकार किया।
साध्वी सुधाप्रभा जी ने मंच संचालन किया। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु सत्य के पुजारी थे। वे सत्य बनकर जीए एवं सत्य प्राप्ति ही उनकी साधना का ध्येय था। तेरापंथ सभाध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया, तेयुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विकास सेठिया, महिला मंडल से बसंता बाबेल ने श्रद्धासिक्त भावों से आचार्य भिक्षु की अभिवंदना की। राकेश मांडोत ने गीत का संगान किया। कन्या मंडल से भवी बाफना, हार्दिका मूथा, निवृत्ति जैन, देशना जैन, अक्षि बोहरा, खुशी मूथा, खुशी रांका ने मंगल संगान किया। सभा मंत्री गजेंद्र खाटेड़, तेयुप मंत्री संतोष सेठिया, महिला मंडल मंत्री रीमा सिंघवी ने आगामी कार्यक्रमों की अवगति दी।