ज्ञानशाला के विविध आयोजन

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ज्ञानशाला के विविध आयोजन

नोखा
सद्संस्कार, विनम्रता ज्ञानशाला के द्वारा संभव है। ये विचार महावीर चौक स्थित तेरापंथ भवन में साध्वी राजीमती जी ने ज्ञानार्थियों को मंगलपाठ सुनाते हुए रखे। उन्होंने कहा कि भौतिकता, विलासिता के युग में ज्ञानशाला जैसा उपक्रम विशेष बात है। बच्चे कच्चे घड़े जैसे होते हैं। उन पर जैसा रंग चढ़ाएँ चढ़ जाता है। 
प्रारंभ से ही सद्संस्कार ज्ञानशाला से प्राप्त होते हैं। विनम्रता, सेवा परोपकारिता अपनत्व, जीव-अजीव यह सूक्ष्म संस्कार ज्ञानशाला में ही संभव है। ज्ञानशाला प्रभारी नाहटा ने व्यवस्था का दायित्व संभाला। सभा अध्यक्ष निर्मल भूरा ने बताया कि 45 ज्ञानार्थियों की परीक्षा प्रशिक्षिका सुमन मालू, राजश्री मरोठी, धारा लूणावत, अनु भूरा, विभा आंचलिया, नीतू जैन, सीमा घीया, जागृति मरोठी, मोनिका भूरा, सरिता बैद, रूखमणी, आरती धाड़ेवा ने विधिवत ली।