श्री पैंसठिया यंत्र एवं छंद सिद्धि के लिए महानुष्ठान

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श्री पैंसठिया यंत्र एवं छंद सिद्धि के लिए महानुष्ठान

राजाजीनगर।
साध्वी डाॅ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में रवि पुष्य नक्षत्र के उपलक्ष्य में रवि पुष्य योग अमृसिद्धि योग एवं सर्वार्थसिद्धि योग हेतु श्री पैंसठिया यंत्र एवं छंद सिद्धि के लिए महानुष्ठान का आयोजन स्थानीय ओसवाल कम्युनिटी सेंटर में राजाजीनगर तेरापंथ सभा ट्रस्ट, महिला मंडल एवं तेयुप द्वारा समायोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री जी द्वारा सामूहिक नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। तेममं द्वारा मंगलाचरण किया गया। सभा अध्यक्ष रोशनलाल कोठारी ने सभी का स्वागत करते हुए विचार रखे। सभा मंत्री मदनलाल बोराणा, तेयुप अध्यक्ष अरविंद गन्ना एवं तेममं अध्यक्षा चेतना वेद मूथा ने विचार व्यक्त किए।
साध्वी डाॅ0 गवेषणाश्री जी ने कहा कि मंत्र शक्ति का खजाना है। चेतना को जागृत करने का साधन है। मंत्र का अर्थ है अक्षरों का विशिष्ट संयोजन। मंत्र का संयोजन मंत्रद्रष्टा व ऋषि ही कर सकते हैं। मंत्र साधना का मुख्य लक्ष्य होता है कर्मों की निर्जरा, स्व की सुरक्षा, उपद्रवों की शांति व शक्ति का जागरण। आज के दिन पैंसठिया छंद की विशेष साधना की जाती है। इस छंद में विशेष रूप से 24 तीर्थंकरों की स्तुति की जाती है।
साध्वीश्री जी ने कहा कि इसकी आराधना करने से मंगल ही मंगल होता है साथ ही रोग, शोक, दुःख, दरिद्र एवं विघ्न-बाधाओं की शांति भी होती है। इसका नियमित प्रतिदिन तीन बार जप करने की प्रेरणा प्रदान की। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि तीर्थंकरों की जितनी स्तुति की जाती है उतनी ही साधना की पवित्रता बढ़ती है एवं कर्मों की विशेष निर्जरा होती है। साध्वी मेरुप्रभा जी ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। महानुष्ठान में लगभग 280 जोड़ों द्वारा तीर्थंकर की आराधना करते हुए लयबद्ध पैंसठिया यंत्र का उच्चारण किया गया।
महानुष्ठान हेतु प्रायोजक के रूप में लक्ष्मीलाल, रोशनलाल, गणपतलाल, किरण कुमार कोठारी एवं मनोहरलाल, गौतमकुमार, संजीवकुमार गन्ना ने अपना सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर बैंगलोर समाज की विभिन्न तेरापंथ संघीय संस्थाओं के पदाधिकारीगण की विशेष उपस्थिति रही। संचालन सभा उपाध्यक्ष अशोक चैधरी ने किया एवं आभार सभा सहमंत्री चंद्रेश मांडोत ने व्यक्त किया।