आध्यात्मिक मिलन समारोह
सूरत।
मुनि मोहजीत कुमार जी बालोतरा का चातुर्मास पूर्ण कर गुरु आज्ञानुसार पदयात्रा करते हुए सूरत पधारे, जहाँ पर्वत पाटिया से साध्वी सम्यक्प्रभा जी के साथ उनका आध्यात्मिक मिलन हुआ। तेरापंथ भवन, पर्वत पाटिया में विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि मोहजीत कुमार जी ने कहा कि सूरत की भूमि हमारी चिर-परिचित भूमि है। कई वर्षों पूर्व शासनश्री श्रद्धेय मुनि सुखलाल जी स्वामी के साथ सूरत में हमें चातुर्मास करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। तब के और आज के सूरत में बहुत बड़ा बदलाव आ गया है। सूरत की सूरत और सीरत दोनों बदल गए हैं। यहाँ की भूमि आध्यात्मिक भूमि है। साध्वी सम्यक्प्रभा जी के साथ हमारा सम्यक् आध्यात्मिक मिलन हुआ है। साध्वीश्री जी ने यहाँ पर बहुत पुरुषार्थ किया है और धर्म भावना को उत्तरोत्तर वृद्धिंगत कर रही हैं। इस अवसर पर मुनि भव्य कुमार जी एवं मुनि जयेश कुमार जी भी उपस्थित थे।
साध्वी सम्यक्प्रभा जी ने कहा कि संत जहाँ पर पहुँचते हैं वहाँ का समग्र आभामंडल पवित्र हो जाता है। आज बहन-भाई का आध्यात्मिक मिलन सहज रूप से हो गया है। मुनिश्री परम विद्वान हैं। आप सतत् पुरुषार्थ कर रहे हैं। सूरत आध्यात्मिक भूमि है यहाँ पर जिस बीज का वपन किया जाता है वह समय के चलते वटवृक्ष बन जाता है। साध्वी सौरभप्रभा जी, साध्वी मलयप्रभा जी एवं साध्वी वर्धमानयशा जी उपस्थित थे। तेरापंथी सभा, पर्वत पाटिया के अध्यक्ष गौतम ढेलड़िया, ज्ञानचंद कोठारी, अर्जुन मेड़तवाल, प्रदीप गंग आदि ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।