आध्यात्मिक मिलन कार्यक्रम का आयोजन
औरंगाबाद।
तेरापंथ भवन, औरंगाबाद में साध्वी मधुस्मिता जी एवं साध्वी त्रिशला कुमारी जी के आध्यात्मिक मिलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। साध्वीश्री जी के मंगल महामंत्र के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सभा के अध्यक्ष कौशिक सुराणा ने साध्वीश्री जी का स्वागत करते हुए अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। महिला मंडल के समवेत स्वर ने सभी को भावविभोर कर दिया। तेरापंथ महासभा के कार्यकारिणी सदस्य डाॅ0 अनिल नाहर एवं वरिष्ठ श्रावक मदन आच्छा ने अपने विचार व्यक्त किए। मेजबान साध्वी मधुस्मिता जी के ग्रुप द्वारा प्रस्तुत गीतिका ने पूरे परिसर में समा बाँध दिया एवं मेहमान साध्वी त्रिशला कुमारी जी के गु्रप द्वारा प्रस्तुत गीतिका ने उपस्थित धर्मसभा को ¬ अर्हम् बोलने के लिए विवश कर दिया।
साध्वी त्रिशला कुमारी जी ने कहा कि आज का दिन मेरे जीवन का अविस्मरणीय दिन है। 22 वर्षों के बाद साध्वीश्री जी से मिलना हुआ है। साध्वी मधुस्मिता जी हमारे धर्मसंघ की वरिष्ठ साध्वी हैं, आपकी विद्वता, वत्सलता, व्यवहारकुशलता अनुकरणीय है। साध्वीश्री जी ने कहा कि जहाँ आध्यात्मिक मिलन होता है वहा कुछ नए तथ्यों की उपलब्धि होती है। हम भी साध्वीश्री जी से मिले, हमें भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। साध्वी मधुस्मिता जी ने कहा कि धर्मसंघ की शोभा हमारी शोभा है और हमारी शोभा धर्मसंघ की शोभा है। धर्मसंघ कुबेर का खजाना है इसे हम जितना चाहे उतना ही आध्यात्मिक वैभव बटोर सकते हैं। धर्मसंघ सिंधु है जिसमें रहने वाली हर सीप मोती बनकर निखरती है। उन्हीं चमकने वाली मुक्ता मणियों में एक मुक्ता है साध्वी त्रिशला कुमारी जी। वर्षों बाद इनसे मिलकर आध्यात्मिक प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। साध्वीश्री जी ने कहा कि मिलना विकास एवं प्रकाश का प्रतीक है। प्रेम जीवन का सबसे सुंदर रंग है। प्रेम महामंत्र है इसमें पूरी दुनिया को वश में करने की ताकत है। कार्यक्रम का संचालन कविता मरलेचा ने किया।