वाणी का सदुपयोग भी साधना है

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वाणी का सदुपयोग भी साधना है

दिल्ली।
अरिहंत नगर जैन स्थानक में तेरापंथी सभा, दिल्ली तथा तेरापंथी सभा, पश्चिम विहार के संयुक्त तत्त्वावधान में मुनि जयकुमार जी का मंगल भावना समारोह मनाया गया। इस अवसर पर मुनि जयकुमार जी ने उपस्थित श्रावक समाज को धर्म प्रेरणा देते हुए कहा कि हर कार्य को करते हुए अपनी आत्मा को स्मृति में रखना चाहिए। मुनिश्री ने कहा कि वाणी संयम तो साधना है ही पर इसके साथ वाणी का सदुपयोग भी साधना है। इस अवसर पर मुनि मुदित कुमार जी ने जागरूक जीवन जीने की प्रेरणा दी। मंगलाचरण संजय चोरड़िया ने तथा स्वागत पश्चिम विहार सभाध्यक्ष सुशील जैन ने किया। सभा भवन ट्रस्ट सचिव डाॅ0 कमल सेठिया ने तेरापंथ सभा भवन पश्चिम विहार में पधारने हेतु मुनिश्री से अर्ज की। मंगल भावना के स्वरों को दिल्ली सभाध्यक्ष सुखराज सेठिया, तेयुप अध्यक्ष विकास सुराणा, महिला मंडल की पूर्व अभातेममं अध्यक्षा पुष्पा बैंगाणी, टीपीएफ अध्यक्ष राजेश गेलड़ा, अणुव्रत समिति उपाध्यक्ष कमल बैंगानी तथा अणुव्रत न्यास के शांति कुमार जैन ने प्रस्तुतियाँ दी।
सुप्रसिद्ध गजल गायक जितेंद्र सिंह जम्वाल ने गीत प्रस्तुत किया। विभिन्न क्षेत्रीय सभाओं के प्रतिनिधि स्वरूप संजय चोरड़िया, विजय जैन, बाबूलाल दुगड़, संजय सुराणा तथा प्रसन्न पुगलिया ने मुनिश्री के प्रवास हेतु कृतज्ञता और विहार हेतु मंगलकामना की। महासभा के उपाध्यक्ष संजय खटेड़, पूर्वाध्यक्ष दिल्ली तेजकरण सुराणा तथा एसएस जैन सभा अरिहंत के महामंत्री जसवंत जैन ने मुनि जयकुमार जी को एक साधक संत बताते हुए मंगल भावना व्यक्त की। ललित श्यामसुखा ने गीत के माध्यम से विदाई की भावना रखी। मुनि मुदित कुमार जी ने मुनि जयकुमार जी द्वारा दी गई आत्मोत्थान की प्रेरणा को जीवन में उतारने का आह्वान किया। आभार ज्ञापन पश्चिम विहार सभा के मंत्री ललित डागा व कार्यक्रम का संचालन दिल्ली सभा के महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने किया।