सम्यक् दर्शन संबोध कार्यशाला का आयोजन
बैंगलोर।
तेयुप के तत्त्वावधान में तेरापंथ भवन गांधीनगर में साध्वी डाॅ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में ‘सम्यक् दर्शन संबोध कार्यशाला’ आयोजित की गई। मंगलाचरण साध्वी मेरुप्रभा जी और साध्वी दक्षप्रभा जी द्वारा प्रस्तुत किया गया। स्वागत भाषण अध्यक्ष प्रदीप चोपड़ा द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यशाला के मुख्य प्रवक्ता बजरंग गोयल ने कहा कि संसार का प्रत्येक व्यक्ति शाश्वत सुख और विकास चाहता है। उस सुख की चाह प्राप्त करने का पहला रास्ता है तत्त्व को जानना और दूसरा तत्त्व को मानना, तीसरा उसका आचरण करना। यही सम्यक्त्व दर्शन है।
साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि सम्यक् दर्शन और मिथ्या दर्शन यह दोनों आगमों के महत्त्वपूर्ण शब्द हैं। डाॅ0 साध्वी गवेषणाश्री जी ने कहा कि सम्यक् दर्शन की प्राप्ति के बाद मोक्ष का आचरण आवश्यक हो जाता है। सम्यक्त्व आने के बाद व्यक्ति यदि संसार में है तो वह वैमानिक गति को प्राप्त होगा या फिर मोक्ष को। सोचने, समझने, देखने का तरीका बदला तो अपने आप जीवन की दशा-दिशा बदल जाती है। आभार ज्ञापन पवन चोपड़ा द्वारा किया गया। सन्् 2022 में समण संस्कृति संकाय और अभातेयुप के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित सम्यग् दर्शन कार्यशाला के प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार वितरित किए गए। मंच संचालन रमेश सालेचा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संयोजक विवेक मरोठी की उपस्थिति थी। कार्यशाला में तेयुप साथियों व श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति सराहनीय रही।