हम मर्यादा की रक्षा करेंगे तो मर्यादा हमारी रक्षा करेगी: आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

हम मर्यादा की रक्षा करेंगे तो मर्यादा हमारी रक्षा करेगी: आचार्यश्री महाश्रमण

तेरापंथ धर्मसंघ के महामहिम आचार्यश्री महाश्रमण का ससंघ मर्यादा महोत्सव के लिए मंगल प्रवेश

बायतू, 25 जनवरी, 2023
बाड़मेर जिले की मरुभूमि बायतू ग्राम में तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमण एवं धवल सेना के पावन पदार्पण के अवसर पर आस्था, उत्साह और उमंग की त्रिवेणी चहुँओर प्रवाहित हो रही थी, क्योंकि तेरापंथ के मर्यादा पुरुषोत्तम अपनी धवल सेना के साथ मर्यादा का महोत्सव मनाने पधार रहे थे। तेरापंथ धर्मसंघ का एक महान पर्व मर्यादा महोत्सव जो अपने आपमें एक विशेष महत्त्व रखता है। तेरापंथ धर्मसंघ के महाकुंभ के नाम से विख्यात 159वाँ मर्यादा महोत्सव इस बार सिवांची-मालाणी के क्षेत्र में आयोजित होने जा रहा है। बायतू मुनि मोहनलालजी ‘आमेट’ एवं मुनि रजनीश कुमार जी से जुड़ा क्षेत्र है।
मर्यादा पुरुषोत्तम आचार्यश्री महाश्रमण जी ने अपनी धवल सेना के साथ विशाल श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति में मर्यादा महोत्सव क्षेत्र बायतू में प्रवेश किया। मुख्य प्रवचन में महातपस्वी ने फरमाया कि मंगल आदमी को अभिष्ट होता है। वह अपना भी मंगल चाहता है और जो कोई प्रियजन आदि हैं, उनका भी मंगल चाहता है। दूसरों का मंगल चाहना उदारता की बात हो जाती है। कई बार यात्रा के लिए या स्वास्थ्य के लिए मंगलकामना की जाती है। मंगल के लिए प्रयास भी किया जाता है। विशेष उद्देश्य के लिए शुभ मुहूर्त भी देखा जाता है। आज हमने बायतू में मर्यादा महोत्सवकालीन प्रवेश के रूप में प्रवेश किया है। लोग कई पदार्थों को भी मंगल के रूप में प्रस्तुत करते हैं। धर्म उत्कृष्ट मंगल है। पदार्थ या मुहूर्त देखना उत्कृष्ट मंगल नहीं है। अहिंसा, संयम और तप धर्म मंगल है। ये तीनों हैं तो फिर मंगल दूर रह ही नहीं सकता।
अहिंसा ऐसा धर्म है, जो शांतिदायी है। परम मोक्ष की ओर ले जाने वाला अहिंसा धर्म होता है। सभी प्राणियों को अपने समान समझो। मुझे सुख प्रिय है, तो आपको भी सुख प्रिय है। मुझे दुःख अप्रिय है, तो आपको भी दुःख अप्रिय है। मैं सुख पाना चाहता हूँ, तो मैं दूसरों के सुख में बाधा डालने का प्रयास क्यों करूँ। मर्यादा व्यवस्था के लिए संयम की चेतना भी चाहिए। हम मर्यादा की रक्षा करेंगे तो मानो मर्यादा हमारी रक्षा करेगी। कल 26 जनवरी भी है और कल हमारा मर्यादा महोत्सव भी शुरू हो रहा है। 26 जनवरी भी गणतंत्र-मर्यादा-संविधान का दिवस है। स्वतंत्रता के साथ स्वच्छंदता न हो इसलिए न्याय तंत्र की अपेक्षा है। संविधान, मर्यादा और संयम अपेक्षित होता है।
हमारे यहाँ मर्यादावली है। वे मर्यादाएँ हमारे जीवन में हों तो वे जीवंत रहेंगी। हमारा धर्मसंघ परम पूज्य भिक्षु स्वामी से संबंधित है। मर्यादा महोत्सव हमारे चतुर्थाचार्य जयाचार्य की देन है। बालोतरा से प्रारंभ हुआ यह महोत्सव आज बायतू में होने जा रहा है। तप भी मंगल है। धर्म नीति हो या राजनीति; सेवा का लक्ष्य होता है, वह भी एक तरह की साधना-तपस्या है। तपस्या भी हमारे जीवन में रहे। हमारे साधु-साध्वियाँ, समणियाँ संन्यास का जीवन जी रही है। मुमुक्षु बहनें भी उसके अंतर्गत दीक्षा ले रही हैं।
साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी ने कहा कि चंद्रमा रात्रि में सुशोभित होता है। दीपक प्रकाश के बिना, सरोवर कमल के बिना और दिन सूर्य के बिना सुशोभित नहीं होता। राजा न्याय नीति से प्रतिष्ठित होता है। विवेक के बिना दान की शोभा नहीं होती। ठीक इसी प्रकार सद्गुरु के बिना यह संसार भी सुशोभित नहीं होता। हम इस युग में सौभाग्यशाली हैं कि हमें एक ऐसे गुरु प्राप्त हुए हैं, जो अध्यात्म के एक उच्च आसन पर आसीन हैं जो श्री, धी, धृति, शांति, शक्तिसंपन्न हैं। इन सबसे संपन्न व्यक्ति सबके लिए प्रणम्य बन जाता है। पूज्यप्रवर के स्वागत में मुनि रजनीश कुमार जी ने बायतू की ओर से अपनी भावना अभिव्यक्त की। साध्वी ज्ञानयशाजी, साध्वी पाश्र्वप्रभाजी, साध्वी शिक्षाप्रभाजी ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी।
बायतू समाज द्वारा पूज्यप्रवर का नागरिक अभिनंदन किया गया। पूज्यप्रवर के स्वागत-अभिवंदन में मर्यादा महोत्सव व्यवस्था समिति अध्यक्ष रतनलाल लोढ़ा, गौतम चंद छाजेड़, ज्ञानशाला ज्ञानार्थी, महिला मंडल, कन्या मंडल ने गीतिका में अपनी भावना व्यक्त की। बायतू चीमनजी सरपंच गोमाराम गोटलिया, बायतू भीमजी सरपंच, बायतू भोपजी के सरपंच नवनीत चैपड़ा, केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चैधरी ने कहा कि मैं इस धरा पर महान संत आचार्यश्री महाश्रमण जी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूँ। मेरे जीवन में आया बदलाव आपकी प्रेरणा का ही प्रतिफल है। आपकी वाणी सबका कल्याण करने वाली है। आपकी कृपा इस क्षेत्र पर सदैव बनी रहे। राजस्थान सरकार के मंत्री हेमाराम चैधरी ने कहा कि मैं परम वंदनीय आचार्यश्री महाश्रमण जी का बायतू की धरती पर हार्दिक स्वागत करता हूँ। आप पर जनता का अटूट विश्वास है। मैं आपके प्रवचनों को सुनकर बहुत प्रभावित हुआ हूँ। बायतू के विधायक हरीश चैधरी ने कहा कि यह हमारा परम सौभाग्य है कि हमारे क्षेत्र में आपश्री का मंगल पदार्पण ऐसे भव्य महोत्सव के लिए हुआ है। मैं समस्त जनता की ओर से आपका अभिनंदन करता हूँ। बाड़मेर के विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी का मैं बाड़मेरवासियों की ओर से हार्दिक स्वागत करता हूँ। आप द्वारा दी जा रही अहिंसा और सद्भावना की प्रेरणा जन-जन के लिए आवश्यक है। आप हमारी भूमि पर पधारे, इसके लिए मैं आपके प्रति आभार प्रकट करता हूँ। समाज सेविका रूमा देवी, जिला महामंत्री बालाराम ने अपनी भावना अभिव्यक्त की। पूज्यप्रवर ने फरमाया कि आज बायतू प्रवेश पर नागरिक अभिनंदन का कार्यक्रम रहा, अनेक गणमान्य लोग उपस्थित हैं। सभी में अहिंसा-मर्यादा के संस्कार रहें और दूसरों को भी ये संस्कार देने का प्रयास करते रहें। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।