मर्यादा महोत्सव के विविध आयोजन
गंगाशहर
मर्यादा महोत्सव के प्रथम दिवस के आयोजन पर सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी कीर्तिलता जी ने मर्यादाओं को जीवन का सार बताते हुए कहा कि धर्मशासन हमारा आधार है तथा आचार्य की दृष्टि की आराधना ही हमारे विकास का सूत्रधार है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संजू लालाणी ने मर्यादा महोत्सव के इतिहास की जानकारी देते हुए कहा कि आचार्यश्री भिक्षु द्वारा विक्रम संवत् 1832 में लिखित मर्यादाओं का वाचन हर वर्ष मर्यादा महोत्सव के अवसर पर किया जाता है। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रिया पारख द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी ने मर्यादाओं के महत्त्व पर प्रकाश डाला। महिला मंडल ने गीतिका का संगान किया। तेयुप के अध्यक्ष अरुण नाहटा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेंद्र बोथरा, किशोर मंडल सह-संयोजक संदीप रांका, ज्ञानशाला प्रशिक्षिका कनक गोलछा उपासिका शारदा छाजेड़ ने अपने विचार व्यक्त किए। भंवरलाल डाकलिया व चैनरूप छाजेड़ ने गीतिका का संगान किया।