मर्यादा महोत्सव के विविध आयोजन
खांडवा (चुरू)
साध्वी संघप्रभा जी के सान्निध्य में तेरापंथ धर्मसंघ के 159वें मर्यादा महोत्सव का कार्यक्रम उल्लासपूर्वक मनाया गया। साध्वी संघप्रभा जी ने इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मर्यादा महोत्सव का समय वस्तुतः तेरापंथ के गौरवशाली अतीत के पुण्य स्मरण, स्वर्णिम वर्तमान में दृश्यांकन एवं उज्ज्वल भविष्य के शुभचिंतन का समय है। आचार्य भिक्षु एक महान मर्यादा पुरुषोत्तम संत थे। उन्होंने स्वयं को अनुशासन की कड़ी कसौटी पर कसकर एक अनुशासित संगठन का निर्माण किया। उसी संगठन का नाम है-तेरापंथ। तेरापंथ के चतुर्थ आचार्य श्रीमज्जयाचार्य ने उन्हीं मर्यादाओं के आधार पर मर्यादा महोत्सव का रूप देकर धर्मसंघ को नई प्राणवत्ता और चिर जीवंतता प्रदान की।
कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी प्राज्ञप्रभा जी द्वारा प्रस्तुत मर्यादा गीत से हुआ। अभिव्यक्ति के क्रम में कन्या मंडल की ओर से अरुणा भंसाली, सरिता सेन, तेरापंथ सभा की तरफ से बजरंग लाल भंसाली ने अपने विचार व्यक्त करते हुए अनुशासन की महत्ता को उजागर किया। तेममं की सदस्या संतोष देवी छाजेड़ ने भाषण व अन्य बहनों ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी प्रांशुप्रभा जी व साध्वी प्राज्ञप्रभा जी द्वारा प्रस्तुत रोचक परिसंवाद-युक्त गीतमय स्वरलहरी ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी प्रांशुप्रभा जी ने किया। आयोजन की समग्र व्यवस्था तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार भंसाली व उनकी सहयोगी टीम द्वारा की गई। इस अवसर पर अच्छी संख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। रात्रिकालीन चरण में सभा के मंत्री रामलाल छाजेड़ द्वारा गीत प्रस्तुत किया।