आचार्य श्राी तुलसी की पुण्यतिथि पर अंताक्षरी का आयोजन

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आचार्य श्राी तुलसी की पुण्यतिथि पर अंताक्षरी का आयोजन

लिलुआ।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में आचार्यश्री तुलसी की मासिक पुण्यतिथि पर कार्यक्रम तेरापंथ सभा भवन में संपन्न हुआ। रात्रि में अंताक्षरी का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि संयम और तप में पराक्रम करने वाला साधक महापुरुष कहलाता है। दुनिया में अनेक महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व के द्वारा मानवता की, जिनशासन की प्रभावना की है। उनमें एक स्वर्णिम नाम है आचार्यश्री तुलसी। आचार्यश्री तुलसी युगदृष्टा, युगसृष्टा, मानवता के पुजारी व शांति के पैगंबर थे। उन्होंने नैतिक विकास व चारित्रिक उन्नयन के लिए अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात किया। तनाव से ग्रस्त युवापीढ़ी को धर्म का सही मार्ग बताया। बाल पीढ़ी के सुसंस्कार के लिए ज्ञानशाला का उपक्रम दिया।
महिला जागरण, शिक्षा, संस्कार, साहित्य आदि अनेक रचनात्मक कार्यक्रम संघ समाज को दिए। मुनिश्री ने आगे कहा कि आचार्यश्री तुलसी ज्योतिर्धर पुरुष थे। वे अनुशासनप्रिय थे। उनमें शास्ता के अनुपम गुण थे। वे कुशल प्रवचनकार, संगीतकार थे। उन्होंने लंबी-लंबी यात्रा करके मूर्च्छित मानवता को संजीवनी औषध देकर बहुत बड़ा उपकार किया। मुनि कुणाल कुमार जी ने मधुर संगीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ भजन मंडली द्वारा किया गया।