प्रज्ञा संपन्न विलक्षण महापुरुष थे आचार्य महाप्रज्ञ
नोखा।
इस सदी के महापुरुष थे आचार्य महाप्रज्ञ। वे बचपन से ही प्रतिभासंपन्न थे। उनकी साधना, ध्यान, योग और विद्वतापूर्ण अद्भुत थी। तेरापंथ धर्मसंघ के दसवें आचार्य थे। नत्थू से नथमल फिर महाप्रज्ञ और आचार्य तुलसी ने अपनी मौजूदगी में ही आचार्य महाप्रज्ञ बनाकर इतिहास बना दिया। आज भी उनके प्रवचन, पुस्तकें अध्यात्म और विज्ञान की सार्थकता सिद्ध करती हैं। यह उद्गार शासन गौरव साध्वी राजीमती जी ने आचार्य महाप्रज्ञ की मासिक पुण्य तिथि पर रखे। साध्वी पुलकितयशा ने गुण संपन्न, रूप संपन्न और कुल संपन्न व्यक्ति को अहंकार से बचने की प्रेरणा दी। पूर्व पुण्याई से शुभ योग से वर्तमान अच्छा है किंतु आगे के लिए धर्म-ध्यान आवश्यक है। कार्यकर्ता इंदरचंद बैद ने बताया कि श्रावक-श्राविका सभी आलस्य-प्रमाद छोड़ प्रवचन का लाभ उठाएँ, जिससे तनावमुक्त जीवन जीना सीखें।