अर्हम्

अर्हम्

शासनमाता की जय बोलो,
संतों बोलो सतियाँ बोलो,
भाई बोलो बहनों बोलो।

गुरुचरणों सर्व निछावर है,
पद्चिÐों की यायावर है,
उस गुरुनिष्ठा की जय---

गुरु आणा ही लक्ष्मण रेखा,
चाहे देखो जीवन लेखा,
आज्ञा निष्ठा की जय बोलो।

साध्वी गण सेवा पल-प्रतिपल,
श्रम की सरिता बहती कल-कल,
शासन निष्ठा की जय बोलो।

जीवन में मस्त फकीरी थी,
निर्मल आचार अमीरी थी,
संयम निष्ठा की जय बोलो।

तुलसी युग की हो कनकप्रभा,
श्री महाप्रज्ञ युग ज्योति शिखा,
जय महाश्रमण युवा शीर्ष विभा,
गुरु कृपा पात्र की जय बोलो।

तुम हो कितनों की उपकारी,
है तीर्थ चतुष्टय आभारी,
उस महाशक्ति की जय बोलो।

लय: जय बोलो संघ सितारे की---