साध्वी गुणश्री जी के प्रति काव्यांजलियाँ
अर्हम्
शासनश्री साध्वी मदनश्री
सौ-सौ नमन करां चरणां में
शासनश्री गुणश्रीजी
तेरापथ में यशलियो थे सांतरो॥
भिक्षु शासन अलबेलो
महाश्रमण गणमाली
संयम पायो गुरु तुलसी रै हाथ स्यूँ॥
चौरड़िया कुल जन्म लियो
चंदेरी नै चमकायो
कुल में थे नाम कमाईयों आपरो॥
क्षेत्र पुराणो बीदाणो
सगला रै मन भावणो
थिर वासी मोहनाजी रे साथ में॥
संघ निष्ठा सहनशीलता
समता देखी आंख्या स्यूँ
किया बतावां दिल खोलकर॥
आठ वर्ष तक
मदनश्री रही आपके साथ में
वत्सलता पाई हरदम आपकी॥
गुणारां भंडार म्हारां, आप छोड़कर चल्या गया
किसको सुनाऊँ दिल की बातड़ी॥
लय : राग-तेजा रे