लाभ होने पर भी लोभ को बढ़ने न दें: आचार्यश्री महाश्रमण
हिम्मतनगर, 28 फरवरी, 2023
अमृत पुरुष आचार्यश्री महाश्रमण जी प्रातः विहार कर उत्तर गुजरात के प्रमुख शहर हिम्मतनगर पधारे। परम पावन ने मंगल प्रेरणा प्रदान करते हुए फरमाया कि आदमी के अंदर अनेक वृत्तियाँ होती हैं। उनमें से एक दुर्वृति होती हैµलोभ। लोभ की वृत्ति के कारण आदमी में लालसा का भाव, तृष्णा, आकांक्षा, कामना, आसक्ति ये भाव उभरते रहते हैं। लोभ की वृत्ति बहुत कमजोर पड़ जाए तो फिर उभरने का क्रम न भी रहे, पर भीतर में उसका अस्तित्व रहता है। अपराधों की पृष्ठभूमि में एक बड़ा कारण लोभ की वृत्ति भी हो सकती है। लोभ पर कंट्रोल करना बहुत उच्च कोटि की साधना है। लोभ तो दुर्जेय है। दसवें गुणस्थान तक इसका अस्तित्व रहता है।
आदमी को जब लाभ होता है, तब लाभ के साथ लोभ बढ़ जाता है। संतोष धारण करना सीख ले तो बड़ा सुख-शांति रहती है। संतोष आते ही लोभ की प्रवृत्ति प्रतनु हो जाती है। यह एक प्रसंग से समझाया कि दिशा बदली तो दशा भी बदल जाती है। परम तत्त्व पाने की दिशा में आदमी आगे बढ़ सकता है। लाभ होने पर भी लोभ को बढ़ने न दें। संतोष की वृद्धि हो तो परम सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज हिम्मतनगर आए हैं। हमारे में हिम्मत ऐसी जागे कि निर्भयता का भाव पुष्ट हो जाए। हम अणुव्रत यात्रा कर रहे हैं। सद्भावना, नैतिकता, नशामुक्ति की बात बता रहे हैं। अणुव्रत का संकल्प पुष्ट हो तो लोभ की चेतना पर चोट हो सकती है। अणुव्रत के छोटे-छोटे नियम अच्छे हैं। यहाँ के लोगों में आध्यात्मिक हिम्मत का विकास होता रहे। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी ने कहा कि पूज्यप्रवर गुजरात उत्तर संविभाग की यात्रा करते हुए अनेक तीर्थ क्षेत्रों में भी प्रवास कर रहे हैं। जहाँ महापुरुषों का आगमन होता है, वह स्थान भी स्वयं तीर्थ बन जाता है। शासनमाता प्रायः कहती थीं कि जहाँ गुरुदेव पधारते हैं, वह धरा तीर्थ और पवित्र बन जाती है। गुरुदेव जहाँ पधारते हैं, लोगों में अमृत का वितरण करवाते हैं।
पूज्यप्रवर के स्वागत में स्थानीय सभा के अध्यक्ष सुशील चावत, केतन भाई डूंगरवाल, मूर्तिपूजक समाज से सी0 सेठ, स्थानकवासी समाज से सुरेश मुणोत एवं ज्ञानशाला से अपनी भावना अभिव्यक्त की। तेममं द्वारा गीत प्रस्तुत किया गया। उत्तर गुजरात की 17 ज्ञानशाला के बच्चों ने भावपूर्ण प्रस्तुति दी। पूज्यप्रवर जब हिम्मतनगर पधार रहे थे तो मार्ग में दमनदीव न दादरा नगर हवेली के उपराज्यपाल प्रफुल्लभाई पटेल ने पूज्यप्रवर के दर्शन किए। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।