आकाश की तरह विशाल विशाल लक्ष्य बनाएँ

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आकाश की तरह विशाल विशाल लक्ष्य बनाएँ

प्रज्ञा विहार, कांकरोली।
प्रज्ञा विहार में साध्वी डाॅ0 परमयशा जी के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल द्वारा ‘मंजिलें’ कार्यशाला का आयोजन हुआ। साध्वी डाॅ0 परमयशा जी ने कहा कि जिंदगी में हर व्यक्ति सफलता के शिखर को छूना चाहता है। ऊँची सोच का ऊँचा जादू होता है। जो गुलशन को गुलजार बनाता है। आकाश की तरह विराद विशाल लक्ष्य का निर्धारण करें। बारह व्रतों की आराधना, चैदह नियमों का पारायण, त्याग-प्रत्याख्यान से जीवनशैली को सर्वोत्तम बनाएँ। अनावेश, शांति, संतोष की साधना असली पुंजी है। आक्रोश, उत्तेजना हार का प्रमाण पत्र है। बैंक बैलेंस जितना जरूरी है, उससे ज्यादा जरूरी है बे्रन बैलेंस रखना।
आपने आगे कहा कि टीम मैनेजमेंट को अपना अभिन्न कल्याण मित्र बनाएँ। पल-पल का सदुपयोग करने वाले महानता के शिखर पुरुष बन जाते हैं। आत्मविश्वास मानव जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है। यह एक ऐसी मशाल है जो जीवन को प्रकाश से भर देता है। कार्यशाला की शुरुआत साध्वीश्री जी ने नमस्कार महामंत्र से की और उसके पश्चात, तेरापंथ महिला मंडल ने ‘महाश्रमण अष्टकम्’ से मंगलाचरण किया। तेममं की अध्यक्षा इंद्रा पगारिया ने राष्ट्रीय अध्यक्षा नीलम सेठिया एवं उनकी टीम और उपस्थित जनमेदिनी का स्वागत किया।
साध्वी डाॅ0 परमयशा जी, साध्वी विनम्रयशा जी, साध्वी मुक्ताप्रभा जी और साध्वी कुमुदप्रभा जी ने गीत के माध्यम से उपस्थित जनमेदिनी को आह्वान किया कि आकाश जैसा विशाल लक्ष्य बनाएँ। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्रकाश सोनी ने भी राष्ट्रीय अध्यक्षा का स्वागत किया। कार्यशाला में मेवाड़ प्रभारी डाॅ0 नीना कावड़िया, महाराष्ट्र प्रभारी निर्मला चंडालिया, राष्ट्रीय पूर्व अध्यक्ष कल्पना बैद और राष्ट्रीय अध्यक्षा नीलम सेठिया ने ‘मंजिलें’ कार्यशाला पर अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। कार्यशाला में तेममं ने लघु नाटिका प्रस्तुत की।