द पावर आॅफ साइलेंस शिल्पशाला का आयोजन

संस्थाएं

द पावर आॅफ साइलेंस शिल्पशाला का आयोजन

लिलुआ।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में अभातेममं के निर्देशानुसार स्थानीय तेममं ने द पावर आॅफ साइलेंस शिल्पशाला का आयोजन तेरापंथ सभा भवन लिलुआ में हुआ। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि दुनिया में तीन शक्तियाँ हैंµमन, वचन और काय की। मन और काया के मध्य है वचन की शक्ति। जीवन के धरातल पर वाणी और व्यवहार का सर्वाधिक मूल्य है। वाणी बिना घर, परिवार, समाज, राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। वाणी और पाणी का उपयोग सोच-विचार करके करना चाहिए। बोलना चाँदी है तो मौन रखना सोना है। अनावश्यक नहीं बोलना ही मौन है। कब, कैसे, कितना, कहाँ बोलना इसका विवेक जरूरी है।
अनावश्यक बोलने से शिष्टता की मर्यादा का लोप होता है। मुनिश्री ने आगे कहा कि साधना का प्रवेश द्वार व वाणी संयम का विशिष्ट प्रयोग मौन है। मौन से अनेक प्रकार की शक्तियों का प्रादुर्भाव होता है। मौन से धर्म व समय की हानि नहीं होती है। व्यक्ति विवाद से बच जाता है। तनाव से मुक्ति मिलती है। स्मरण शक्ति का विकास होता है। मन में समाधि रहती है। वक्त पर मौन रखने से ही व्यक्ति का मूल्यांकन होता है। मौन से कर्मजा शक्ति का व प्रज्ञा का जागरण होता है। इस अवसर पर तेममं की बहनों ने मंगलाचरण किया। तेममं की अध्यक्षा बेला बाई पोरवाल ने स्वागत भाषण व आभार ज्ञापन संगीता पारख ने किया। मुनि कुणाल कुमार जी ने मधुर भजन सुनाया और कार्यक्रम का संचालन किया।