शासनमाता साध्वीप्रमुखाश्री जी की वार्षिक पुण्यतिथि पर
साध्वी रौनकप्रभा
शासन मा साध्वीप्रमुखा, तेरे गुण गौरव गाएँ
श्रद्धांजलियाँ चरणों में, स्मृतियाँ रह-रह कर आएँ
हर दिल की धड़कन को समझ पीड़ा हर लेती,
जन-जन के जीवन में रोशनी का दीया करती,
डगमग-डगमग कदमों को, मंजिल पार पहुँचाए।
हमारे सामने आदर्श, तेरे जीवन की पोथी,
युगों तक हम पाएँगे, तुमसे आत्मिक ज्योति,
पौरुष और पुण्य की निर्मल निश्छल धाराएँ।
हमेशा ऋणि रहेगा संघ, सेवाएँ तेरी अनमोल,
हो जाते आश्वस्त हृदय सुन तेरे मीठे बोल,
बहुरत्ना महाश्रमणीवरा, कैसे हम भुला पाएँ।
शबरी को देने दर्शन, पधारे रघुकुल के नंदन,
गुरु के पाकर शुभ दर्शन, हर्षित तेरा हर स्पंदन,
वार्षिक पुण्यतिथि माँ की, सविनय शीष झुकाए----
लय: मुझे तुम याद करना----