अणुव्रत अमृत महोत्सव के विविध आयोजन
मदुरांतकम् (तमिलनाडु)
जैन स्थानक में साध्वी लावण्यश्री जी के सान्निध्य में फाल्गुन शुक्ला द्वितीय को अणुव्रत आंदोलन एवं पारमार्थिक शिक्षण संस्था के अमृत महोत्सव वर्ष के शुभारंभ पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वी लावण्यश्री जी ने कहा कि आज से 74 वर्ष पूर्व मानवता के मसीहा, अणुव्रत आंदोलन के प्रवर्तक आचार्यश्री तुलसी ने मानव को मानव बनाने का स्वप्न संजोया, चिंतन किया, निर्णय लिया और क्रियान्विति में बदला। अनेकानेक जैन जैनेत्तर लोगों को अणुव्रती बनाया। आचार्यश्री तुलसी ने, आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी ने और अब आचार्यश्री महाश्रमण जी ने अणुव्रत का मिशन आगे चलाया तथा चला रहे हैं। हिंदु कारनेशन स्कूल में साध्वी सिद्धांतश्री और साध्वी दर्शितप्रभा जी ने विद्यार्थी जीवन में अणुव्रत का क्या उपयोग? कैसे अणुव्रत के नियम स्वीकार किए जाते हैं, आदि विषयों पर मार्गदर्शन दिया। साध्वी सिद्धांतश्री जी ने हिंदी में अणुव्रत विषय पर बताया उसे तमिल भाषा में मयंक चोरड़िया ने अनुवाद करके बताया। मदुरांतकम् श्री संघ के अध्यक्ष गौतम कोठारी, महामंत्री प्रफुल्ल कोटेचा, दिनेश कांकरिया, तिरुकलीकुंड्रम अणुव्रत समिति के अध्यक्ष ताराचंद बरलोटा, मंत्री दीपक दुगड़, पूर्व सभाध्यक्ष बाबूलाल खाटेड़ ने इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दी।