कोलकाता, हावड़ा

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मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्त्वावधान में व कोलकाता अणुव्रत समिति व हावड़ा समिति के सहयोग से अणुव्रत अमृत महोत्सव का शुभारंभ फोरम प्रवेश में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक डाॅ0 राणा चटर्जी विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि धर्म के प्रभावक आचार्यों में आचार्यश्री तुलसी का नाम बड़े गौरव के साथ लिया जाता है। आचार्यश्री तुलसी ने नैतिक विकास व चारित्रिक उन्नयन के लिए अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात किया। अणुव्रत का अर्थ हैµछोटे-छोटे नियम। जीवन शुद्धि की न्यूनतम आचार संहिता का नाम अणुव्रत है।
अणुव्रत मानवीय एकता का सूत्र है। अणुव्रत पर्यावरण शुद्धि नशामुक्ति, सांप्रदायिक सौहार्द, अहिंसा व्यवसाय शुद्धि आदि पर विशेष बल देता है। मुनिश्री ने आगे कहा कि देश को अणुबम की नहीं अणुव्रत की आवश्यकता है। मुनि कुणाल कुमार जी ने मधुर गीत का संगान किया। स्थानीय विधायक डाॅ0 राणा चटर्जी ने कहा कि जैन धर्म में पाँच नियम हैंµअहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह। आचार्यश्री तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात किया। कार्यक्रम का शुभारंभ फोरम प्रवेश के श्रावक-श्राविकाओं के मंगल संगान से हुआ। स्वागत भाषण कोलकाता अणुव्रत समिति के अध्यक्ष प्रदीप सिंघी व आभार हावड़ा अणुव्रत समिति के कोषाध्यक्ष व कार्यक्रम के संयोजक दीपक नखत ने किया। अणुव्रत आचार संहिता का वाचन मुनि जिनेश कुमार जी ने किया। अतिथि व अन्य लोगों का अणुव्रत समिति द्वारा सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। समाज के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में कोलकाता हावड़ा एवं उपनगर की सभी सभाओं, महिला मंडल, टीपीएफ, तेयुप जैन कार्यवाहिनी के पदाधिकारीगण की उपस्थिति रही। रैली के बाद ध्वजारोहण का कार्यक्रम हुआ और अंत में प्रेस वार्ता के द्वारा अणुव्रत के बारे में चर्चा हुई। इस अवसर पर अणुविभा से राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी पंकज दुधोड़िया, राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य वीरेंद्र बोहरा भी उपस्थित थे।