तनावमुक्ति से ही सफलता संभव
गुंटूर।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर नगर में मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में ‘तनाव-कारण और निवारण कार्यशाला’ का आयोजन तेरापंथी सभा, गुंटूर द्वारा जैन धर्मशाला में किया गया। मुनि दीप कुमार जी ने कहा कि जब तक जीवन में आत्र्तध्यान और रौद्रध्यान का प्रभाव है, तब तक हम चाहें कितने वेश बदलें, कितने ही अनुष्ठान करें, कितने बाहर के कार्यक्रम करें, हम सही अर्थ में धर्मध्यान का विकास नहीं कर सकते। एक प्रकार से आत्र्तध्यान का ही रूप हैµमानसिक तनाव। यद्यपि आज शिक्षा बढ़ी है, स्मृद्धि बढ़ी है, सुविधाएँ बढ़ी हैं पर साथ-साथ मानसिक अशांति भी बढ़ी है। हर व्यक्ति अनमना, तनावग्रस्त दिखाई दे रहा है। तनाव मुक्ति के बिना सफलता संभव नहीं है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि तनाव मुक्ति के लिए जीवन शैली का संतुलित होना जरूरी है। धार्मिक साधना से संतुलन हो सकता है। वर्तमान में जीएँ। भूत और भविष्य में न खोएँ वर्तमान को विस्मृत करने वाला तनावग्रस्त बनता है। हर समय प्रसन्न रहना सीखें। प्रसन्नता से तनाव सदा दूर रहता है। बालमुनि काव्य कुमार जी ने कहा कि तनाव वर्तमान युग की सर्वप्रसिद्ध समस्या है। तनाव के कारण व्यक्ति का शरीर, मन और भाव भी प्रभावित होते हैं। कायोत्सर्ग की साधना से तनाव मुक्ति का जीवन जिया जा सकता है। कार्यक्रम में घीसूलाल अंबानी ने विचार रखे।