साध्वीश्री जी का एटीडीसी में पदार्पण

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साध्वीश्री जी का एटीडीसी में पदार्पण

राजाजीनगर।
साध्वी डाॅ0 गवेषणाश्री जी शेषाद्रीपुरम् से विहार कर तेयुप, राजाजीनगर द्वारा संचालित आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर श्रीरामपुरम् में पधारीं। साध्वीश्री जी ने कहा कि आचार्य तुलसी का नाम अपने आपमें एक चमत्कार है। जिस नाम से अभातेयुप ने शाखा परिषदों के माध्यम से संपूर्ण भारत वर्ष में मानव सेवा के इस स्थायी उपक्रम को निरंतर गति प्रदान कर रही है। शाखा परिषदें भी इसकी खूब अच्छी सार-संभाल करते हुए जैन शासन का परचम लहरा रही हैं। साध्वीश्री जी ने उदाहरण के माध्यम से लौकिक एवं लोकोत्तर धर्म की परिभाषा की व्याख्या की। लौकिक सेवा मानव जीवन का शंृगार है, कर्तव्य है, उसी प्रकार लोकोत्तर धर्म आध्यात्मिक जीवन की उन्नति एवं भावी जीवन को सफल बनाने हेतु उपयोगी है। हमको लौकिक धर्म में लोकोत्तर धर्म को स्थान प्रदान करना चाहिए। राजाजीनगर तेरापंथ सभा मंत्री मदनलाल बोराणा ने सभी का स्वागत किया। सभा परामर्शक ललित मांडोत, तेयुप संस्थापक अध्यक्ष सुनिल बाफना, परामर्शक चंद्रेश मांडोत, तेयुप अध्यक्ष अरविंद गन्ना, राजेश देरासरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। तेयुप मंत्री कमलेश चोरड़िया ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सभा एवं तेयुप परिवार की अच्छी उपस्थिति रही।
जैनम लक्ष्मीनारायणपुरम ट्रस्ट के निवेदन पर साध्वीश्री देवैया पार्क स्थित जे0पी0 समणी सेंटर पधारे। जहाँ जैनम परिवार द्वारा मानव सेवा उपक्रम के अंतर्गत सरकारी स्कूल में 106 बेंच प्रदान किए जा रहे हैं, जिसका उद्घाटन साध्वीश्री जी के मंगलपाठ से किया गया। साध्वीश्री जी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ एवं जयमल संप्रदाय में बहुत सामंजस्य रहा है। आपश्री ने आचार्य भिक्षु एवं आचार्य जयमलजी से संबंधित इतिहास से अवगत कराया। जैनम अध्यक्ष रमेश सियाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए पूरे जैनम परिवार की ओर से साध्वीश्री जी को सान्निध्य प्रदान करने हेतु विशेष कृतज्ञता ज्ञापित की। ज्ञातव्य है जैनम परिवार के विशेष सहयोग से एटीडीसी श्रीरामपुरम् सुचारु रूप से मानव सेवा के क्षेत्र में गतिमान है।