अनावश्यक हिंसा से बचने का प्रयास करें श्रावक

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अनावश्यक हिंसा से बचने का प्रयास करें श्रावक

बालोतरा।
अभातेममं के निर्देशानुसार तेममं, बालोतरा के तत्त्वावधान में शासनश्री साध्वी कमलप्रभा जी, शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी, साध्वी रतिप्रभा जी, साध्वी प्रांजलप्रभा जी के सान्निध्य में न्यू तेरापंथ भवन में हिंसा बनाम अहिंसा Lifestyle without cruetly कार्यशाला का आयोजन किया गया। महिला मंडल मंत्री संगीता बोथरा ने बताया कि सर्वप्रथम नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। महिला मंडल की बहनों के द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया गया।
महिला मंडल अध्यक्ष निर्मला देवी संकलेचा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी ने कहा कि यह कार्यशाला अभातेममं द्वारा निर्देशित की गई है। अहिंसा के अनेक प्रकार हैं दूसरों की निंदा और आलोचना करना हिंसा है और स्वयं की निंदा और आलोचना करना अहिंसा है। दो प्रकार की हिंसा होती हैंµअर्थ हिंसा, अनर्थ हिंसा तथा आवश्यक व अनावश्यक हिंसा। श्रावक अनावश्यक हिंसा से तो बच ही सकता है।
साध्वी रतिप्रभा जी ने कहा कि भगवान महावीर ने दो प्रकार के धर्म बताए आगार धर्म और अनगार धर्म। श्रावक पूर्णतया हिंसा से नहीं बच सकता है। श्रावक के स्थूल व सूक्ष्म दोनों प्रकार की हिंसा होती है किंतु साधु के स्थूल रूप में हिंसा नहीं होती है सूक्ष्म हिंसा हो सकती है जो कभी प्रमाद की हिंसा या खाने-पीने आदि की हिंसा हो सकती है।
अभातेममं सदस्य व मारवाड़ क्षेत्र प्रभारी सारिका बागरेचा ने भी इस विषय में अपनी प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में परामर्शक नारायणी देवी छाजेड़, पीपी देवी ओस्तवाल, लूणी देवी गोलेछा, उपाध्यक्ष चंद्रा बालड़, रानी बाफना, कोषाध्यक्ष उर्मिला सालेचा, सहमंत्री रेखा बालड़, प्रचार-प्रसार मंत्री पुष्पा सालेचा, निवर्तमान अध्यक्ष अयोध्या देवी ओस्तवाल, कन्या मंडल संयोजिका साक्षी बैद मेहता, सह-संयोजिका मनीषा ओस्तवाल और पूर्व परामर्शक कमलादेवी ओस्तवाल, पूर्व अध्यक्ष सहित लगभग 80 बहनें उपस्थित थी। कार्यक्रम का संचालन और आभार ज्ञापन मंत्री संगीता बोथरा ने किया।