मर्यादा की बातें करना आसान, पालन करना मुश्किल
कोटा।
साध्वी धनश्री जी के सान्निध्य में 159वें मर्यादा महोत्सव स्टेशन क्षेत्र स्थित तुलसी कुटीर में मनाया गया। इस अवसर पर शासनश्री साध्वी धनश्री जी ने मर्यादाओं का महत्त्व बताते हुए कहा कि सृष्टि का निर्माण भी मर्यादा से होता है। आचार्य भिक्षु एक मर्यादा पुरुष थे और उन्होंने संघ की चिरजीविता के लिए अनेक मर्यादाएँ बनाईं व तात्त्विक वैज्ञानिक और दार्शनिक पुरुष थे। इसी कारण संघ तेजस्वी, ओजस्वी बना। मर्यादाओं का निर्माण कलहों से मुक्ति के लिए की गई। इसके द्वारा ही परमार्थ परार्थ है। सेवार्थ की सिद्धि प्राप्त हो सकती है। मर्यादा की बातें बहुत लोग करते हैं, लेकिन पालन करने की बात आती है तो उनकी संख्या कम हो जाती है इसके कारण लोग परेशान हैं।
कार्यक्रम का संचालन साध्वी शीलयशा जी ने किया। इस अवसर पर साध्वी शीलयशा जी और साध्वी विदितप्रभा जी ने गीत के द्वारा अपनी प्रस्तुति दी।
साध्वी सलिलयशा जी ने अपने वक्तव्य में मर्यादाओं का महत्त्व बताया। सभा के मंत्री धरमचंद जैन, अणुव्रत समिति के मंत्री भूपेंद्र बरड़िया, तेयुप के सचिन जैन, महिला मंडल अध्यक्ष उषा बाफना आदि ने विचार प्रस्तुत किए। महिला मंडल की मंजू जैन, मधु दुगड़, सरिता बरड़िया, मधु जैन, अर्पणा जैन, अनिता बरड़िया, स्वाति मेहता, श्वेता जैन कविता दुगड़, भक्ति मेहता आदि ने बोलते हुए ग्रह के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए। महिला मंडल द्वारा बोलते ग्रह के माध्यम से प्रस्तुति दी। वरिष्ठ श्रावक अनिल जैन एवं सभा मंत्री धरमचंद जैन ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन करवाया। श्रोतागण सुनकर के भाव-विभोर हो गए।