बसंत पंचमी है पवित्र दिन
विजयवाड़ा।
तेरापंथ भवन में साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि बसंत पंचमी एवं गणतंत्र दिवस एक साथ उपस्थित है। भारत के संविधान स्थापना का यह पवित्र दिन हमें अपने संविधान के प्रति जागरूक रहने की याद दिलाता है। बसंत पंचमी, सरस्वती आराधना भी श्रुतौपासना की प्रेरणा देता है। साध्वीश्री जी ने कहा कि आज के दिन तेरापंथ के चतुर्थ आचार्य जीतमल जी ने ‘पंच ऋषि स्तवन’ की रचना की। यह स्तवन विघ्न विनाशक और संकटहारी है। ऐतिहासिक क्षेत्र सिरियारी में रचित यह रचना चमत्कारिक रचना है। प्रतिदिन इसका स्मरण, स्वाध्याय, आनंद और शांति शक्ति प्रदान करने वाला है। साध्वीश्री जी ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें भगवान महावीर का जिनशासन मिला, आचार्य भिक्षु के रूप में आराध्य मिले और वर्तमान में तेरापंथ आचार्य परंपरा के ग्यारहवें पट्ट पर विराजित आचार्यश्री महाश्रमण जी हमारी सार-संभाल कर रहे हैं। साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने विचार व्यक्त किए।