मर्यादाएँ श्रावक के सुरक्षा कवच हैं

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मर्यादाएँ श्रावक के सुरक्षा कवच हैं

मानसरोवर गार्डन, दिल्ली।
जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, मानसरोवर गार्डन के तत्त्वावधान में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी के सान्निध्य में श्रावक सम्मेलन का आयोजन हुआ। मुनिश्री ने श्रावकत्व की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि छोटी-छोटी बातों में जागरूक रहने वाला व्यक्ति ही श्रावक होता है। मर्यादाएँ श्रावक का सुरक्षा कवच है। उन्होंने नवकारसी के अर्थ को परिभाषित करते हुए बारह व्रती श्रावक बनने की प्रेरणा दी।
मुनिश्री ने विभिन्न प्रकार के श्रावकों और साधुचर्या के बारे में सरस प्रवचन से उपस्थित जनसमूह को विशेष धर्म प्रेरणा दी। मुनि कमल कुमार जी ने उपासक बनने हेतु आह्वान किया। प्रेक्षा प्रशिक्षक और ज्ञानशाला के विकास हेतु मुनिश्री की प्रेरणा से श्रावक समाज में विशेष जागृति का वातावरण बना। सभा में महासभा उपाध्यक्ष सुमन नाहटा ने श्रावकत्व की महिमा के बारे में, प्रेक्षाध्यान पत्रिका के पूर्व संपादक अशोक संचेती ने आचरण में श्रावकत्व उतरे तथा दिल्ली सभा के महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने श्रावक कार्यकर्ता हो इस बारे में अपने-अपने प्रासंगिक विचार प्रस्तुत किए। मुनिश्री ने आचार्य तुलसी द्वारा रचित ‘श्रावक व्रत धारो’ गीत का संगान भी किया। स्थानीय सभाध्यक्ष विमल भंसाली, मंत्री मुकेश बोरड़ सहित अच्छी संख्या में श्रावक समाज उपस्थित था।