अर्हम

अर्हम

अर्हम
माँ की ममता पाकर हम धन्य हो गए।
माँ सी समता पाकर हम कृतपुण्य हो गए।
तेरी क्षमता से विभूषित था श्रमणी गण।
तेरे संस्कारों से संस्कारित यह नंदनवन।
तेरे आशीर्वाद से हम धन्य-धन्य हो गए।
तेरे जाने से हम गमगीन हो गए।।

तेरे मुख में अद्भुत ओज था।
तेरी नजर में करुणा का स्त्रोत था।
तेरे हृदय में वत्सलता का अनुस्त्रोत था।
तेरी वाणी में स्नेह का अजस्र स्त्रोत था।।

तेरे शासन में हम आकर निहाल हो गए।
तेरी शासना से हम खुशहाल हो गए।
दी तुमने भैक्षव गण को नयी पहचान।
तेरे आयाम गण के नाम हो गए।।

तेरी शिक्षाएँ अपनाऊँ मैं।
जीवन धन्य बनाऊँ मैं।
पाकर तेरा आशीर्वर।
लक्षित मंजिल पाऊँ मैं।।

तेरे संदेश हमारे लिए अमृत कोश हो गए।
तेरे जाने से हम खामोश हो गए।
तेरी सृजनशीलता आए हममें।
शासनमाता के चिहुंदिक जय घोष हो गए।।