संस्कारों के बीजारोपण का सशक्त माध्यम है ज्ञानशाला

संस्थाएं

संस्कारों के बीजारोपण का सशक्त माध्यम है ज्ञानशाला

केसुम्बला (सिवांणी-मालाणी)।
मुनि सुमति कुमार जी की प्रेरणा से तेरापंथी सभा, केसुम्बला (मारवाड़) के अंतर्गत ज्ञानशाला का गठन हुआ। मुनि सुमति कुमार जी ने कहा कि ज्ञानशाला भावी पीढ़ी में सत्-संस्कारों के बीजारोपण का सशक्त माध्यम है। इस कार्य की समायोजना के लिए सुरेंद्र सालेचा, ज्ञानशाला-मारवाड़ आंचलिक संयोजक, मोतीलाल जीरावला, संयोजक पारमार्थिक शिक्षण संस्था, धनराज ओस्तवाल, अध्यक्ष तेरापंथी सभा, बालोतरा तथा कार्यकारिणी सदस्य तेरापंथी महासभा, कमलेश कोचर, मंजु देवी कोचर, इंदु तथा सपना फलसुंड का मार्गदर्शन, सहयोग रहा। ज्ञानशाला में ज्ञानार्थियों को ज्ञानार्जन देने के लिए प्रियंका देवी लोढ़ा, अनिता देवी लोढ़ा, पायल बुरड़ तथा देवी तातेड़ ने प्रशिक्षण देने का संकल्प व्यक्त किया।