वरिष्ठ जन के अनुभवों से समाज लाभान्वित हो सकता है
दिल्ली।
वरिष्ठ जन अनुभवों का खजाना होता है। उनके अनुभवों से समाज लाभान्वित हो सकता है। वरिष्ठ जन के मार्गदर्शन से धार्मिक और सामाजिक कार्यों को सुगमता से किया जा सकता है। इस आशय के उद्गार वयोवृद्ध साध्वी शासनश्री साध्वी संघमित्रा जी ने तेरापंथी सभा, दिल्ली द्वारा समायोजित ‘वरिष्ठ जन सम्मान व तप अनुमोदना कार्यक्रम में प्रकट किए। इस कार्यक्रम में शासनश्री साध्वी शीलप्रभा जी व समणी मंजुप्रज्ञा जी के भी उद्बोधन हुए। कार्यक्रम में 80 वर्ष व उससे ऊपर की वय के श्रावक-श्राविकाओं को सम्मानित किया गया तथा 15 व ऊपर के तपस्या वालों की अनुमोदना की गई। लगभग 140 से अधिक लोगों को सम्मानित किया गया। समाज भूषण मांगीलाल सेठिया, वरिष्ठ श्रावक टोडरमल लालाणी, हनुमानमल कोठारी आदि ने संस्मरणात्मक वक्तव्य प्रस्तुत किए। सभा के अध्यक्ष सुखराज सेठिया ने सभी का स्वागत, अभिनंदन व तप अनुमोदना की।
कार्यक्रम संयोजक नत्थुराम जैन व पूर्वाध्यक्ष तेजकरण सुराणा के प्रासंगिक वक्तव्य हुए। महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने सभी का आभार ज्ञापन किया। महिला मंडल ने गीत प्रस्तुत किया। संचालन संयोजक प्रदीप संचेती ने किया। कार्यक्रम की सफलता में बाबूलाल दुगड़, सुभाष सेठिया, अशोक संचेती, संजय संचेती, संजीव जैन, विकास बोथरा, विकास सुराणा, सुरेंद्र नाहटा, सुरेंद्र तातेड़, राजेश बैंगाणी, दीपक जैन, अरविंद दुगड़, प्रमोद संचेती, प्रसन्न पुगलिया, पवन डोसी आदि अनेक कार्यकर्ताओं का श्रम रहा। सम्मान करने वालों में पन्नालाल बैद, गोविंद बाफना, सुशील कुहाड़, पुखराज सेठिया, शांति कुमार जैन आदि शामिल थे। कार्यक्रम से सभी वरिष्ठजन प्रसन्न्ता का अनुभव कर रहे थे। उन्हें स्मृति स्वरूप उनका फोटो भी तत्कालमय फ्रेम उपलब्ध करवाया गया।