पॉवर ऑफ साइलेंस कार्यशाला
बाली बेलुड़ (हावड़ा)।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में अभातेममं के निर्देशानुसार स्थानीय तेममं के सहयोग से पॉवर ऑफ साइलेंस कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन में हुआ। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि साधना का प्रवेश द्वार हैµमौन। मौन कलह मुक्ति का अचूक उपाय है। मौन से ऊर्जा का संचय होता है। मौन से आंतरिक शक्तियाँ उद्घाटित होती हैं। मुनिश्री ने आगे कहा कि मन, वचन, काया तीन शक्तियाँ हैं। उसमें वचन की शक्ति का व्यवहार में बहुत बड़ा मूल्य है। वचन की शक्ति पूर्ण रूप से मनुष्य के पास होती है। विचारों का आदान-प्रदान वचन के द्वारा होता है। वचन जितना शिष्ट व सभ्य होगा, उतनी ही घर-परिवार में शांति रहेगी।
मुनिश्री ने प्रेरणा के रूप में कहा कि मौन से तनाव दूर होता है, सोचने की क्षमता बढ़ती है, कार्यक्षमता बढ़ती है, वचन का संयम होता है शुभभावों का विकास होता हैं मौन एक प्रकार की चिकित्सा है। इसलिए व्यक्ति को मौन की साधना करनी चाहिए। तेममं की मंत्री अंकिता लुणिया ने अपने विचार रखे।