शासनमाता का जीवन सबके लिए प्रेरणादायक था

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शासनमाता का जीवन सबके लिए प्रेरणादायक था

कांदिवली (मुंबई)।
शासनश्री साध्वी विद्यावती जी ‘द्वितीय’ के सान्निध्य में होली चातुर्मास एवं शासनमाता की प्रथम पुण्यतिथि का आयोजन किया गया। कांदिवली तेममं के मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। मलाड तेरापंथी सभा के अध्यक्ष इंदरमल कच्छारा, कांदिवली तेयुप के अध्यक्ष नवनीत कच्छारा, कांदिवली तेममं की सह-संयोजिका अलका पटावरी आदि ने अपनी भावनाएँ व्यक्त की। प्रेक्षा प्रश्क्षििका पारसमल दुगड़ ने रंगों के आधार पर ध्यान का प्रयोग करवाया। साध्वी मृदुयशा जी ने कविता के माध्यम से रंगों पर प्रकाश डाला।
साध्वी विद्यावती जी ने होली से संबंधित घटना पर प्रकाश डाला एवं होली के रंग आत्मा के संग विषय की सुंदर व्याख्या करते हुए आठ कर्मों की होली खेलने का आह्वान किया। शासनश्री साध्वीश्री जी ने शासनमाता के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व को शब्दों में उजागर किया। साध्वी प्रेरणाश्री जी ने गीत का संगान किया। कांदिवली तेरापंथ कन्या मंडल ने शासनमाता के इंद्रधनुषी व्यक्तित्व पर इंद्रधनुष नामक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। साध्वी प्रियंवदा जी ने कहा कि साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा जी की श्रमनिष्ठा, विनय निष्ठा, समर्पण निष्ठा एवं गुरु निष्ठा बेमिशाल थी। सैकड़ों साधु-साध्वियों के जीवन को उन्होंने प्रेरणा पाथेय से लाभान्वित कर विकास का मार्ग प्रशस्त किया।
श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के अध्यक्ष विनोद बोहरा ने शासनमाता के प्रति श्रद्धांजलि संप्रेषित की। मुंबई तेममं की अध्यक्षा रचना हिरण एवं कांदिवली तेरापंथ सभा के अध्यक्ष पारसमल दुगड़ ने भी होली पर्व की शुभकामनाएँ देते हुए शासनमाता को भावांजलि समर्पित की। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीवृंद द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। दो चरणों में आयोजित कार्यक्रम का संचालन डॉ0 साध्वी ऋद्धियशा जी ने किया।