आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस के आयोजन

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आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस के आयोजन

घाटकोपर
साध्वी निर्वाणश्री जी के सान्निध्य में घाटकोपर में राम नवमी एवं भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस मनाया गया। भारतीय संस्कृति में हजारों वर्ष बाद आलोक भरता रहता है श्रीराम के प्रति जनता की अगाध आस्था है। यह उद्गार साध्वी निर्वाणश्री जी ने व्यक्त किए। साध्वीश्री जी ने आचार्य भिक्षु के अभिनिष्क्रमण की अत्यंत रोचक शैली में प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि तत्त्व की सही समझ अपेक्षित है, जिस अध्यात्म की राह हमें भिक्षु ने दिखाई है उस पर चलने का संकल्प करें। साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु ने धर्मक्रांति का बिगुल बजाया, क्योंकि उनके लिए आगम और जिनवाणी सर्वोपरि थे। गुरु के नेह को छोड़ उन्होंने सत्य की डगर पकड़ी, उनकी समग्र साधना आचार और विचार शुद्धि की साधना थी। मंगलाचरण रंजना बाफना ने किया। अभातेममं की पूर्व अध्यक्षा कुमुद कच्छारा ने दोनों मर्यादा पुरुषोत्तम के प्रति आस्था की अभिव्यक्ति दी।
साध्वी लावण्यप्रभा जी ने सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी। तेयुप के पूर्व अध्यक्ष लोकेश डांगी ने मंच संचालन करते हुए अपने भावपूर्ण उद्गार व्यक्त किए। कार्यक्रम में घाटकोपर सभा अध्यक्ष शांतिलाल बाफना, ख्यालीलाल तातेड़, अर्जुनलाल सोलंकी, संपत चोरड़िया, सुरेश राठौड़, चांदमल सोलंकी, ख्यालीलाल बड़ाला, हरकलाल बाफना, निर्मल कुमठ, श्रवण चोरड़िया, राकेश बड़ाला, महिला मंडल संयोजिका मंजु कुमठ, कांता तातेड़ आदि गणमान्यजन उपस्थित थे।