आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस के आयोजन
श्यामनगर, जयपुर
शासनगौरव बहुश्रुत परिषद की सदस्या साध्वी कनकश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा, जयपुर के तत्त्वावधान में 264वाँ भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस भिक्षु साधना केंद्र समिति में आयोजित हुआ। साध्वीवृंद द्वारा मंगल संगान से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। शासन गौरव साध्वी कनकश्री जी ने कहा कि आचार्यश्री भिक्षु धर्मक्रांति के सूत्रधार थे। उन्होंने रूढ़िवादी विचारधारा में जकड़े धार्मिक जगत को एक नया मोड़ दिया। धर्म को धर्मस्थानों से बाहर निकालकर उसे जीवनगत बनाने के सूत्र दिए। श्रद्धा और आचार से संबंधित आचार्य भिक्षु की नई स्थापनाओं की चर्चा करते हए साध्वीश्री जी ने कहा कि संघर्षों तक विरोधों के आँधी-तूफानों को चीरते हुए भिक्षु अपनी मंजिल की ओर अविरल बढ़ते रहे। आचार्य भिक्षु ने 264 वर्ष पूर्व जो आलोक कण बिखेरे थे, वे आज भी धार्मिक, सामाजिक जगत का पथ दर्शन कर रहे हैं।
साध्वी मधुलता जी ने कहा कि आचार्यश्री भिक्षु का अभिनिष्क्रमण सत्य का अभिनिष्क्रमण है। आपकी महानता का बीज मंत्र था-अप्रकंप सत्यनिष्ठा। साध्वी कनकश्री जी द्वारा रचित गीत का सुमधुर संगान साध्वी मधुलता जी आदि साध्वियों ने किया। साध्वी समितिप्रभा जी ने शासनमाता साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा जी द्वारा रचित कविता प्रस्तुत कर अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। सी-स्कीम महिला मंडल की अध्यक्ष नीरू पुगलिया ने अपने भाव व्यक्त किए। मंच का संचालन साध्वी संस्कृतिप्रभा जी ने किया।