आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस के आयोजन

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आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस के आयोजन

उत्तर-कोलकाता
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा, उत्तर-कोलकाता के तत्त्वावधान में आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि जो पराक्रम करता है वह महर्षि होता है। आचार्य भिक्षु ने संयम और तप में पराक्रम किया इसलिए वे महर्षि थे। आचार्यश्री भिक्षु मारवाड़ के धोरी व अलबेले योगी थे। उनका जीवन अवदात्त, उदात्त, विशाल व गंभीर था। वे नैसर्गिक प्रतिभा के धनी थे। ऊर्जा के महास्त्रोत थे। जैन दर्शन व आगमों के मर्मज्ञ थे। मुनिश्री ने आगे कहा कि आचर्यश्री भिक्षु की वाणी करीब की तरह चोट करने वाली थी। वे आत्मसाधक, आत्म आराधक, समाज सुधारक थे। उनकी धर्मक्रांति तेरापंथ के रूप में विख्यात हुई। वे पापभीरू, वैरागी, आत्मार्थी, भगवान महावीर की वाणी के प्रति समर्पित थे। उन्होंने अनेक कष्टों को सहन किया। अभाव में जीए, लेकिन साधना से विचलित नहीं हुए और हमेशा समभाव में रहे। मुनि कुणाल कुमार जी ने मगल गीत का संगान किया।
इस अवसर पर स्वागत गीत अविशि ट्रिडेंट की बहनों ने किया। तेरापंथ सभा के सभा अध्यक्ष राकेश संचेती, जुगराज बैद, दक्षिण हावड़ा तेयुप के अध्यक्ष विरेंद्र बोहरा, दक्षिण हावड़ा महिला मंडल की अध्यक्ष चंद्रकांता पुगलिया, तेरापंथी महासभा के कोषाध्यक्ष मदन मरोठी, उपासक रवि छाजेड़ ने विचार रखे। कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तर-मध्य कोलकाता तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने किया। आभार तेरापंथ सभा के अध्यक्ष विनोद बैद व संचालन दिलीप मरोठी ने किया। रामपुर के विधायक सुदीप्टो राय ने विचार रखे। विधायक का सम्मान साहित्य द्वारा तेरापंथ सभा के द्वारा किया गया।