आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस के आयोजन
सिकंदराबाद
तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस शिवरामपल्ली स्थित राघवेंद्र कॉलोनी में आयोजित हुआ। इस अवसर पर साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि ग्रीक दर्शन में महनता के 3 गुणों का उल्लेख किया गया है। आचार्य भिक्षु के संदर्भ में विचार करें तो प्रतीत होता है प्रारंभ से ही उनमें आचार संपन्नता, संवेदन संपन्नता और विवेक संपन्नता निहित थी। अपने विराट गुणों के कारण उन्हें गुरु का विश्वास प्राप्त किया। साध्वीश्री जी ने कहा कि शुद्ध साधुत्व के लिए आवश्यक है आत्मा की पवित्रता। आत्मपवित्रता आचार्य भिक्षु का प्रथम लक्ष्य था। शिथिलाचार और सुविधावादिता उनसे कोसों दूर थी। पवित्र साध्वाचार के प्रति वे सदा जागरूक रहे। वे सत्य समरांगण में महान योद्धा बन उतरे निखरते गए।
आचार्य भिक्षु हर विद्या में पारंगत थे। वे महान तत्त्वज्ञान, महान विचारक, महान ज्योतिष्क और महान व्यवहार कुशल जन-जन की आस्था के केंद्र थे। साध्वीवृंद के मंगल भिक्षु स्तुति से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। राघवेंद्र कॉलोनी की बहनों एवं ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने भिक्षु अभिनिष्क्रमण इतिहास एवं श्रद्धासंगत की मनमोहक प्रस्तुति दी। सुषमा कुंडलिया एवं शिल्पा सुराणा आराध्य की अभिवंदना की। तेममं अध्यक्षा अनिता गिडिया एवं अणुव्रत कार्यकर्ता तिलोकचंद सिपानी ने विचार व्यक्त किए। साध्वीवृंद ने गीत का समूह संगान किया। साध्वी शौर्यप्रभा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु ने सदैव संघ की सुरक्षा की। विकासमय तेरापंथ जैसा राजमार्ग दिया। साध्वी सिद्धियशा जी ने संयोजकीय वक्तव्य में कहा कि आचार्य भिक्षु ने हमें प्रकाशमय नई दिशा प्रदान की है। राकेश कुंडलिया ने कृतज्ञता के स्वर प्रस्तुत किए। भिक्षु के नाम रात्रिकालीन ‘संघर्ष में उत्कर्ष’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। क्वीज प्रतियोगिता में भाई-बहनों ने उत्साह से भाग लिया। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले संभागियों को देवेंद्र मनोज सुराणा परिवार की ओर से पुरस्कृत किया गया।